Space ka Video: अंतरिक्ष में पैंट कैसे पहनते हैं? वीडियो देख हिल जाएगा आपका दिमाग....

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2025 - 02:38 PM (IST)

Space ka Video: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों का जीवन पृथ्वी पर रहने वाले लोगों से काफी अलग होता है। यहां पर, उन्हें रोजमर्रा के काम भी अलग ढंग से करने होते हैं। इन यात्रियों का खाना, पीना, सोना, कपड़े पहनना, चलना और बाकी सभी कार्य एकदम अलग तरीके से होते हैं। स्पेस स्टेशन पर जीवन चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन वहां से जो वीडियो सामने आते हैं, वे बहुत दिलचस्प और मजेदार होते हैं। स्पेस का ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर आपका दिमाग हिल जाएगा...

अंतरिक्ष में पैंट कैसे पहनते हैं?
हाल ही में, नासा के केमिकल इंजीनियर डॉन पेटिट ने एक वीडियो पोस्ट किया, जो देखते ही देखते वायरल हो गया। इस वीडियो में, डॉन पेटिट यह दिखाते हैं कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अंतरिक्ष यात्री पैंट कैसे पहनते हैं। उन्होंने बताया कि जैसे हम पृथ्वी पर पैंट में एक-एक पैर डालते हैं, वैसे अंतरिक्ष में यह करना संभव नहीं होता।

अंतरिक्ष यात्रियों की चुनौतियाँ और मजेदार वीडियो
डॉन पेटिट ने वीडियो में दिखाया कि वह हवा में तैरते हुए एक साथ दोनों पैरों को पैंट में डालने के लिए कूदते हैं। वीडियो के साथ उन्होंने लिखा, “एक साथ दोनों पैर।” वीडियो में डॉन पेटिट खुद हवा में उड़ते हुए नजर आ रहे हैं और उनकी पैंट भी हवा में तैरती हुई दिख रही है। यह वीडियो देखने में मजेदार जरूर लगता है, लेकिन इसने यह भी दिखाया कि अंतरिक्ष में जीवन कितना मुश्किल होता है।

 


डॉन पेटिट के बारे में...
डॉन पेटिट एक अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं और नासा में केमिकल इंजीनियर के रूप में काम करते हैं। उन्होंने एरिजोना विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की है। पेटिट ने नासा की तरफ से कई अंतरिक्ष मिशनों में भाग लिया है और उन्हें अंतरिक्ष में भेजा गया है। उनके द्वारा शेयर किया गया यह वीडियो और जानकारियां हमें अंतरिक्ष यात्रियों के कठिन जीवन को और समझने में मदद करती हैं, साथ ही यह भी दिखाती हैं कि अंतरिक्ष में जीवन कितना अद्भुत और चुनौतीपूर्ण है।

अंतरिक्ष यात्रियों को इन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है...
.ऑक्सीजन की आपूर्ति: अंतरिक्ष में कोई वायुमंडल नहीं होता, इसलिए अंतरिक्ष यात्रियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करनी पड़ती है। वे अपने जीवन के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम स्पेस स्टेशन से करते हैं।
.शून्य गुरुत्वाकर्षण: अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता, जिससे हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर हो सकती हैं। शारीरिक सहारे के बिना मांसपेशियों के टूटने का खतरा होता है।
.हवा का अभाव: अंतरिक्ष में हवा का दबाव नहीं होता, जिसके कारण किसी भी वस्तु या व्यक्ति को हवा में तैरने का अनुभव होता है। इसके चलते अंतरिक्ष यात्रियों को अपने शरीर के संतुलन और गति को नियंत्रित करने में कठिनाई होती है।
 


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Content Editor

Pooja Gill

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