नदी में तैरता हुआ मिला पत्थर: गंगा मैया का वरदान मानकर ग्रामीण कर रहे पूजा-पाठ, उमड़ी भीड़
punjabkesari.in Friday, Jul 18, 2025 - 06:32 PM (IST)

गाजीपुर(आरिफ अहमद): उत्तर भारत में गंगा नदी के उफान के बीच एक अनोखी घटना ने लोगों की आस्था को और गहरा कर दिया है। हाल ही में आई बाढ़ के बाद नदी किनारे एक बड़ा पत्थर दिखाई दिया, जिसे स्थानीय लोग ईश्वर का चमत्कार मानकर पूजा-अर्चना में जुट गए हैं। ग्रामीणों ने गंगा में बहते एक पत्थर को देखा।गंगा के पानी मे तैरते इस पत्थर को देखकर लोग हैरान रह गए।लोग नाविकों की मदद से इस पत्थर को किनारे ले आये।घाट पर लाकर लोगों ने इस पत्थर की पूजा पाठ शुरू कर दी। देखते देखते घाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गयी। गांव के लोग इसे "दैवीय संकेत" के रूप में देख रहे हैं।
गांववालों ने शुरू की पूजा, लगाया फूल और धूप
आप को बता दें कि घटना गाजीपुर शहर के ददरी घाट का है यहां पर गंगा में बहते एक पत्थर को देखा स्थानीय लोगों ने देखा श्रद्धालु गंगा की बाढ़ में मिले इस पत्थर को ग्रामीणों ने पत्थर को गंगाजल से स्नान कराया, उस पर चंदन और सिंदूर लगाया और पूजा-पाठ शुरू कर दिया। कई महिलाओं ने दीप जलाए और फूल अर्पित किए। स्थानीय लोगों का मानना है कि यह पत्थर "भगवान शंकर का प्रतीक" हो सकता है, जबकि कुछ इसे शालिग्राम या भगवान विष्णु का चिन्ह बता रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि ये पत्थर त्रेता युग का है और भगवान श्रीराम के बनाये सेतु से सम्बंधित है।
बच्चों-बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक में उत्साह
पूरे क्षेत्र में इस घटना को लेकर उत्सुकता का माहौल है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी लोग पत्थर को देखने और पूजा करने के लिए आ रहे हैं। कुछ श्रद्धालु तो इसे मंदिर में स्थापित करने की भी मांग कर रहे हैं।
प्रशासन सतर्क, भीड़ पर नजर
स्थानीय प्रशासन भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। बाढ़ के बाद जमा कीचड़ और गीली ज़मीन को देखते हुए अधिकारियों ने लोगों से सतर्कता बरतने की अपील की है। हालांकि, फिलहाल किसी भी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है।
पुराणों में भी मिलते हैं ऐसे चमत्कारों के उल्लेख
धार्मिक जानकारों के अनुसार, पुराणों में कई जगहों पर बताया गया है कि प्राकृतिक आपदाओं के बाद देवी-देवताओं के प्रतीक अचानक प्रकट होते हैं, जिन्हें लोक आस्था का केंद्र माना जाता है। ऐसी घटनाएं लोगों की श्रद्धा और विश्वास को मजबूत करती हैं।