UP में अजब फिर गजब! मालिक को पता नहीं बिक गई गाड़ी, जब जम्मू कश्मीर में कटा चालान तो हुई जानकारी; ARTO के दो बाबू सहित 5 के खिलाफ FIR
punjabkesari.in Sunday, Mar 02, 2025 - 03:49 PM (IST)

Azamgarh News,(शुभम सिंह): उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़ में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। सिधारी थाने में कार की मालकिन द्वारा तहरीर देकर आरटीओ विभाग में तैनात बाबू सहित पांच लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए। तहरीर में बिना उसकी मर्जी के उसकी कार को फर्जी तरीके से आरटीओ विभाग द्वारा किसी और के नाम पर ट्रांसफर होने का दावा किया गया है। जब जम्मू कश्मीर में कार के चालान होने का मैसेज पीड़िता के मोबाइल पर आया तो उसे जानकारी हुई। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने आरटीओ विभाग में तैनाद दो बाबू सहित पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
लोन की किस्त खाते से कट रही...गाड़ी किसी और के नाम
नेहा पुत्री मो अरशद निवासी ग्राम कोकिलपार, थाना जीयनपुर, हाल मु गुलामी का पूरा, डीह बाबा का स्थान, थाना कोतवाली ने सिधारी थाने में तहरीर देकर बताया कि वह UP-50 CE 8256 वरना कार की पंजीकृत स्वामिनी हैं। जिसे उसने एक निजी बैंक से लोन करके खरीदा था और लोन की किस्त उसके खाते से कट रही है। उसके पति सैय्यद मोहम्मद बेलाल के दोस्त जाबिर हुसैन पुत्र ताहिर हुसैन ग्राम डालावाश, तहसील तौरु, थाना तौरु, जनपद नूह मेवात, हरियाणा प्रायः कार हमारे पति से माँग कर चलने हेतु गाड़ी ले जाते थे। 26 फरवरी 2023 को गाड़ी का आगरा एक्सप्रेस-वे पर चालान हो जाने की जानकारी मुझे प्राप्त हुआ। उस समय गाड़ी मेरे पति के दोस्त जाबिर के पास थी। उसके बाद 15 नवंबर 2023 को गाड़ी का चालान जम्मू-कश्मीर में होने की जानकारी हुई।
ARTO के दो बाबू सहित 5 के खिलाफ FIR
मेरे पति द्वारा जाबिर से गाड़ी कई बार मांगा गया तो उसने फोन पर भद्दी-भद्दी गालियां व जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि कैसी गाड़ी, मैं नहीं जानता। फिर मैं एजेंसी में जाकर पता की तो UP50 CE 8256 का बीमा चेक किया तो एजेंसी वाले ने बताया कि इस नम्बर की गाड़ी कोई पंजीकृत नहीं है। फिर एजेंसी वाले ने ही चेचिस नम्बर से चेक किया तो पता चला कि गाड़ी का ट्रांसफर दिनांक 21 अक्टूबर 2023 को साहिल साबिर मागरे, अनन्तनाग जम्मू-कश्मीर को हो गया। इसके बाद में जाकर आरटीओ कार्यालय में इस सम्बन्ध में प्रार्थना-पत्र दिया कि बिना मेरी जानकारी व हस्ताक्षर के विषयगत वाहन का ट्रांसफर कैसे हो गया? तब पता चला कि जाबिर ने आरटीओ कार्यालय में नियुक्त बाबू विनोद कुमार, नन्हकू बाबू, दलाल अर्जुन व जाबिर हुसैन के मिली भगत से फर्जी दस्तावेज तैयार कर NOC जारी करके साहिल साबिर मागरे को ट्रांसफर कर दिया गया। पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने जाबिर हुसैन, विनोद कुमार, ननकू राम, अर्जुन गौड़, साहिल साबिर मागरे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।