Loksabha Election 2019: एक नजर सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर

punjabkesari.in Wednesday, May 08, 2019 - 12:22 PM (IST)

गोमती नदी के किनारे बसा सुल्तानपुर लोकसभा सीट अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए है। इस लोकसभा सीट की पहचान इस चुनाव में बीजेपी के गांधी परिवार से जुड़ गई है, क्यों कि इस बार यहां से मेनका गांधी चुनाव लड़ रही है। इससे पहले 2014 के चुनाव में वरूण गांधी यहां से सांसद थे। अगर बात करें इस सीट के इतिहास की तो लंबे समय तक यह सीट कांग्रेस के पास ही रही। इस सीट पर 16 लोकसभा चुनाव और 3 उपचुनाव हो चुके हैं। इस सीट पर 1957 से लेकर 1977 तक कांग्रेस का कब्जा रहा, लेकिन 1977 में ये सीट कांग्रेस के हाथ से जनसंघ ने छीन ली। हालांकि 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर दुबारा वापसी की।
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इस सीट पर हुए 1957 के पहले चुनाव में कांग्रेस के गोविंद मालवीय चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। 1957 में हुए चुनाव में कांग्रेस के कुंवर कृष्णा यहां से सांसद बने। 1962 के चुनाव में कांग्रेस के जी. सहाय यहां से संसद पहुंचे। 1971 के चुनाव में कांग्रेस के केदारनाथ सिंह यहां से सांसद बने, लेकिन 1977 में हुए चुनाव में भारतीय लोकदल के जुल्फिकार उल्लाह यहां से सांसद बने, लेकिन 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की और कांग्रेस के गिरीराज सिंह सांसद बने। वहीं 1984 के चुनाव में कांग्रेस से राज करण सिंह सांसद बने।

1989 के चुनाव में जनता दल के राम सिंह ने कांग्रेस को फिर से यहां से हराया। 1991 के चुनाव में इस सीट पर बीजेपी का खाता खुला और बीजेपी के विश्वनाथ शास्त्री यहां से जीत कर संसद पहुंचे। इसके बाद 1996 और 1998 के चुनाव में देवेंद्र बहादुर राय बीजेपी के खाते से चुनाव जीते, लेकिन 1999 के चुनाव में बसपा ने पहली बार यहां से खाता खोला और जय भद्र सिंह यहां से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे। 2004 के चुनाव में बसपा के खाते से मोहम्मद ताहिर सांसद बने। 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर यहां से जीत दर्ज की और संजय सिंह सांसद बने और 2014 के मोदी लहर में वरूण गांधी ने इस सीट को बीजेपी के खाते में डाला। इस चुनाव में इस सीट पर वरूण गांधी की मां मेनका गांधी और कांग्रेस के संजय सिंह के बीच मुकाबला है। गठबंधन प्रत्याशी चंद्रभद्र सिंह मैदान में है।

सुल्तानपुर सीट में 5 विधानसभा सीटें
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अगर बात करें विधानसभा सीटों की तो इस संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें हैं। इनमें इसौली, सुल्तानपुर, सदर, कादीपुर (सुरक्षित) और लम्भुआ सीटें शामिल हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से सिर्फ इसौली सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी। सुल्तानपुर, सदर, कादीपुर और लम्भुआ विधानसभा सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।

एक नजर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर
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2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर सीट पर कुल 17 लाख 57 हज़ार 047 वोटर अपने मत का प्रयोग करेंगे। जिनमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 18 हज़ार 641 है। जबकि महिला वोटरों की संख्या 8 लाख 38 हज़ार 317 है। वहीं ट्रांस जेंडर वोटरों की संख्या 89 है।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से वरूण गांधी ने जीत दर्ज की थी। वरूण ने बसपा के पवन पांडेय को चुनाव हराया था। वरूण को कुल 4 लाख 10 हज़ार 348 वोट मिले थे। जबकि बसपा के पवन पांडेय को 2 लाख 31 हज़ार 446 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी से शकील अहमद रहे। शकील को कुल 2 लाख 28 हज़ार 144 वोट मिले थे।

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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2009 के लोकसभा चुनवा में कांग्रेस से संजय सिंह यहां से सांसद बने। संजय सिंह को कुल 3 लाख 411 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर बसपा के मोहम्मद ताहिर रहे। ताहिर को कुल 2 लाख 1 हज़ार 632 वोट मिले। तीसरे नंबर पर सपा के अशोक पांडेय रहे। अशोक को कुल 1 लाख 7 हज़ार 895 वोट मिले।

एक नजर 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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2004 के लोकसभा चुनाव में बसपा के मोहम्मद ताहिर चुनाव जीते। ताहिर को कुल 2 लाख 61 हज़ार 564 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर सपा के शैलेंद्र प्रताप सिंह रहे। शैलेंद्र को कुल 1 लाख 59 हजार 754 वोट मिले। तीसरे नंबर कांग्रेस के कैप्टन सतीश शर्मा रहे..सतीश शर्मा को कुल 1 लाख 54 हज़ार 245 वोट मिले।


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Tamanna Bhardwaj

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