कपड़ों और लॉकेट से शव की पहचान… बोरे में अर्द्ध कंकाल के साथ मिले 2 बड़े पत्थर, गाजीपुर की नाबालिग लड़की का शव 14 दिन बाद रायबरेली से बरामद

punjabkesari.in Wednesday, Oct 09, 2024 - 03:47 PM (IST)

Rae Bareilly News, (शिवकेश सोनी): योगी सरकार के सख्त कानून के बाद यूपी में बढ़ रहे अपराध इस बात का उदाहरण है कि अब किसी को भी सरकार के सख्त कानून व पुलिस भय नहीं रहा। महिला सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करने वाली यूपी पुलिस सुरक्षा नहीं बल्कि महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार की घटनाओं के बाद अब खुलासे ही करती नजर आ रही है।
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बता दें कि फतेहपुर जिले के गाजीपुर क्षेत्र से लापता हुई किशोरी को रायबरेली के सरेनी क्षेत्र के गेगासो गंगा पुल के नीचे से पुलिस ने बरामद कर लिया, जिसे आरोपियों ने बोरे में भरकर गंगा में फेंका था। बताया जाता है कि गाजीपुर में चारा डालने गई 23 सितंबर को किशोरी लापता हुई थी। शव की बरामदगी 14 दिन बाद गंगा पुल के नीचे गेगासो में मिली है। परिजनों ने कपड़ों और लॉकेट से शव की पहचान की है। पुलिस ने आरोपियों दिलीप, राज और मोनू को गिरफ्तार किया, जिन्होंने किशोरी की हत्या के बाद फेंका था।
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मिली जानकारी अनुसार हत्या कर गंगा में फेंकी गई किशोरी की लाश नाविकों की सूचना पर मंगलवार को पुलिस ने गेगासो पुल के नीचे से बरामद कर लिया है। करीब 14 दिन बाद यह शव आधे कंकाल में बदल चुका था। शव के साथ बोरी में दो बड़े पत्थर भी मिले हैं। जिसकी जानकारी चौकीदार ने दी। परिजनों के कपड़ों और गले में मिले लॉकेट से शव की शिनाख्त के बाद पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेज दिया।
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बताया जाता है कि पैनाकला निवासी एक किशोरी 23 सितंबर को घर से लापता हो गई थी। पिता ने 25 सितंबर को थाने में गुमसुदगी दर्ज कराई थी। इसके बाद पिता ने 29 सितंबर को थाने में तहरीर देकर बताया कि उसकी बेटी कंचनपुर निवासी दिलीप से प्रेम प्रसंग के चलते बातचीत करती थी उसी ने अपने साथियों राज और मोनू के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी है और शव को गंगा नदी में फेंक दिया है। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ कर पूछतांछ की तो मामले से पर्दा उठा। दिलीप ने रेप के बाद अपने साथी राज और मोनू के साथ 25 सितंबर को घर जाने की जिद्द पर किशोरी की गला दबाकर हत्या की थी और शव को कार में ले जाकर उसी रात हुसैनगंज थाना के असनी गंगा पुल से बोरे में दो वजनदार पत्थर भरकर नीचे नदी की बीच धारा में फेंक दिया था। शव की तलाश के लिए एसडीआरएफ टीम ने दो दिनों तक गंगा में करीब 50 किमी के दायरे में शव को तलाशा लेकिन सफलता नहीं मिली थी। लेकिन पानी कम होने पर शव बाहर आ गया।
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पुलिस की माने तो आरोपियों ने पुलिस को हर तरह से गुमराह किया। किशोरी के फांसी लगाने की बात के बाद दूसरे दिन गला दबाकर हत्या की बात कबूली फिर शव को असनी पुल से बीच धारा में फेंकने की बात बताई। पुलिस ने आरोपियों के आधार पर शव तलाशती रही। जैसे ही गंगा का जल कम हुआ तो नाविकों को लाश भरी बोरी दिखी तो पुलिस को सूचना दी गई।  सबसे बड़ी बात यह कि ऐसी महिलाओं और नाबालिक लड़कियों के साथ हुए मामलों में पुलिस मूकदर्शक बन जाती है, खुलासे के बाद फिर ऐसे मामले राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने रहते हैं।

 


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Content Editor

Mamta Yadav

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