मुख्तार अंसारी की मौत पर रामगोपाल ने उठाए सवाल कहा- क्या कोई न्यायिक जांच के आदेश करेगी यूपी सरकार ?

punjabkesari.in Friday, Mar 29, 2024 - 01:05 PM (IST)

लखनऊ: बांदा जेल में बंद गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर सियासत गरमा गई है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और शिवपाल यादव ने सवाउठाएं हैं। रामगोपाल ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यधिक चिंताजनक है।

मुख्तार अंसारी ने ज़हर देकर अपनी हत्या की आशंका  पहले व्यक्त की थी
उन्होंने न्यायालय में अर्ज़ी देकर पहले ही  ज़हर के द्वारा अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी। मौजूदा व्यवस्था में तो न जेल में कोई सुरक्षित, न पुलिस कस्टडी में  और न अपने घर में। प्रशासनिक आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने  को विवश किया जा रहा है। क्या मुख़्तार अंसारी द्वारा न्यायालय में दी गयी अर्ज़ी के आधार पर कोई न्यायिक जाँच के आदेश करेगी यूपी सरकार ? वहीं शिवपाल यादव ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के निधन को दुःखद बताया है। उन्होंने ने ईश्वर दिवंगत की आत्मा को शांति प्रदान करें और शोक संतप्त परिजनों को इस असीम दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत
आप को बता दें कि  प्रदेश के जिलों में आतंक का पर्याय बने गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी की बृहस्पतिवार को बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। अंसारी की मृत्यु के साथ ही अपराध के एक युग और राजनीति के साथ उसके गठजोड़ के एक अध्याय का अंत हो गया। यह इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि अंसारी के खिलाफ हत्या से लेकर जबरन वसूली तक के 65 मामले दर्ज थे, फिर भी वह विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट पर पांच बार विधायक चुना गया।

महज 15 साल की उम्र में अंसारी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा
साल 1963 में एक प्रभावशाली परिवार में जन्मे अंसारी ने राज्य में पनप रहे सरकारी ठेका माफियाओं में खुद को और अपने गिरोह को स्थापित करने के लिए अपराध की दुनिया में प्रवेश किया। साल 1978 की शुरुआत में महज 15 साल की उम्र में अंसारी ने अपराध की दुनिया में कदम रखा। अंसारी खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत गाजीपुर के सैदपुर थाने में पहला मामला दर्ज किया गया था।

बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर पहली बार विधायक बना 
लगभग एक दशक बाद 1986 में, जब तक वह ठेका माफियाओं के बीच एक जाना-पहचाना चेहरा बन चुका था, तब तक उसके खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत एक और मामला दर्ज हो चुका था। अगले एक दशक में वह अपराध की दुनिया में कदम जमा चुका था और उसके खिलाफ जघन्य अपराध के तहत कम से कम 14 और मामले दर्ज हो चुके थे। हालांकि अपराध में बढ़ता अंसारी का कद राजनीति में उसके प्रवेश में बाधा नहीं बना। अंसारी पहली बार 1996 में मऊ से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर विधायक चुना गया था। उसने 2002 और 2007 के विधानसभा चुनावों में एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में इस सीट पर अपनी जीत का सिलसिला कायम रखा।

साल 2005 से जेल में बंद रहा मुख्तार अंसारी 
साल 2012 में, अंसारी ने कौमी एकता दल (क्यूईडी) बनाया और मऊ से फिर से जीत हासिल की। 2017 में उन्होंने फिर से मऊ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। साल 2022 में मुख्तार ने अपने बेटे अब्बास अंसारी के लिए सीट खाली कर दी, जो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर इस सीट से जीते। वह पिछले 19 वर्षों से उत्तर प्रदेश और पंजाब की विभिन्न जेलों में बंद रहा। साल 2005 से जेल में रहते हुए उसके खिलाफ हत्या और गैंगस्टर अधिनियम के तहत 28 मामले दर्ज थे और सितंबर 2022 से आठ आपराधिक मामलों में उसे दोषी ठहराया गया था।

MP/MLA  कोर्ट से मिली थी अजीवन कारावास की सजा 
फिलहाल मुख्तार अंसारी पर विभिन्न अदालतों में 21 मुकदमे लंबित थे। लगभग 37 साल पहले धोखाधड़ी से हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के एक मामले में इस महीने की शुरुआत में वाराणसी की सांसद/विधायक अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास और 2.02 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। सितंबर 2022 से लेकर पिछले 18 महीनों में यह आठवां मामला था, जिसमें उन्हें उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों ने सजा सुनाई थी और दूसरा मामला जिसमें उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। गाजीपुर जिले में तत्कालीन विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर, 2005 को हुई हत्या तथा वाराणसी में 22 जनवरी, 1997 को व्यापारी नंद किशोर रुंगटा उर्फ नंदू बाबू के अपहरण व हत्‍या के मामले में गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई थी।
 

अवधेश राय की हत्या के मामले में भी मुख्ततार को मिली थी आजीवन कारावास
वहीं 15 दिसंबर, 2023 को, वाराणसी की एक सांसद/विधायक अदालत ने भाजपा नेता और कोयला व्यापारी नंद किशोर रूंगटा के अपहरण व हत्या के मामले में अंसारी को पांच साल, छह महीने की सजा सुनाई थी । इसी तरह 27 अक्टूबर, 2023 को, गाजीपुर सांसद/विधायक अदालत ने 2010 में उनके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज एक मामले में उन्हें 10 साल के कठोर कारावास और पांच लाख रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। पांच जून, 2023 को वाराणसी की एक सांसद/विधायक अदालत ने पूर्व कांग्रेस विधायक और वर्तमान उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तीन अगस्त 1991 को जब अवधेश और उनके भाई अजय वाराणसी के लहुराबीर इलाके में अपने घर के बाहर खड़े थे, तब अवधेश राय को गोलियों से भून दिया गया था। 
 

इसी प्रकार 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर सांसद/विधायक अदालत ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 23 सितंबर, 2022 को पूर्व विधायक के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में 1999 में गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज मामले में अंसारी को पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी और 50,000 रूपये का जुर्माना लगाया था। 15 दिसंबर, 2022 को गाजीपुर सांसद/विधायक अदालत ने उनके खिलाफ 1996 और 2007 में गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज दो अलग-अलग मामलों में उन्हें 10 साल की कैद की सजा सुनाई थी और प्रत्येक मामले में 5-5 लाख रूपये जुर्माना लगाया था।

 पिछले 13 महीनों में अंसारी को पहली सजा इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सुनाई थी। 2003 में लखनऊ जिला जेल के जेलर को धमकी देने के आरोप में उन्हें 21 सितंबर, 2022 को सात साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। पुलिस के मुताबिक, 2020 से अंसारी गैंग के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई और 608 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त या ध्वस्त की गई। इस अवधि में गिरोह के 215 रुपये से अधिक मूल्य के अवैध कारोबार ठेके/अनुबंध को भी पुलिस ने बंद करा दिया।
 


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Content Writer

Ramkesh

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