कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को सम्मान दिलाने तक मैं नहीं बदलूंगा: स्वामी प्रसाद मौर्य
punjabkesari.in Sunday, Jan 29, 2023 - 02:04 PM (IST)

लखनऊ: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की कुछ चौपाइयों को लेकर आपत्ति दर्ज कराकर विरोधियों के निशाने पर आए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बार फिर विरोधियों पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कहा कि धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूंगा। मौर्य ने कहा जिस तरह से कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।
धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूँगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) January 29, 2023
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद कुछ नेता उनका खुलेआम समर्थन कर रहे हैं, जबकि विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार उन पर निशाना साध रहे हैं। इसी बीच स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Shastri) के खिलाफ एक बड़ा बयान दे दिया है। स्वामी ने कथा वाचक धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri,) को मंदबुद्धि बताते हुए कहा कि वह दिमाग से दिवालिया हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य बोले- मैं अपने बयान पर आज भी हूं कायम
दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर दिए बयान पर कहा कि मैंने कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी बात पर कायम हूं और आगे भी कायम रहूंगा। मौर्य ने कहा कि हमने रामायण या किसी भगवान पर टिप्पणी नहीं की है। हमने चौपाई के उस अंश पर टिप्पणी की जिसमें समस्त महिलाओं, दलितों और पिछड़ों को अपमानित करने का काम किया गया है। मैंने उस अंश को हटाने की बात की थी। उन्होंने आगे कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव मुझसे नाराज नहीं हैं, अगर वह मुझे नाराज होते तो मुझसे कुछ कहते। मौर्य ने कहा कि संत महंतों को धर्म आचार्यों को, बड़े-बड़े पुजारी पंडों को अगर गाली अच्छी नहीं लगती है, तो हम को कैसे गाली अच्छी लगेगी।
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर बढ़ा था विवाद
गौरतलब है कि सपा एमएलसी ने रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों पर विरोध जताया था। उन्होंने कहा कि जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है। यह 'अधर्म' है, नेता कहा कि रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और 'कुम्हार' जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो जनजातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं। सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
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अयोध्या: अयोध्या(Ayodhya) में तपस्वी छावनी के प्रधान पुजारी महंत परमहंस दास (Paramhans Das) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का सिर कलम करने की मांग की है और इसके लिए 500 रुपए का इनाम देने की घोषणा भी की है। मौर्य रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर अपनी विवादित टिप्पणी के लिए चारों तरफ से घिरे हुए हैं।