किडनी कांड में मुख्य गवाह की हुई थी मौत, पुलिस को बताऐ बगैर परिजनों ने शव को दफनाया

punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2019 - 05:53 PM (IST)

कानपुर: यूपी का बहुचर्चित किडनी काण्ड रैकेट का खुलासा करने में अहम भूमिका निर्वाह करने वाली संगीता की 6 अक्टूबर को मौत हो गई थी। यहां संगीता के पति राजेश कश्यप ने पुलिस को सूचना दिए बगैर उसके शव को कब्रिस्तान में दफना दिया था। चूंकि मामला किडनी काण्ड की मुख्य गवाह की मौत का था इसलिए संगीता की मौत पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए। जिसके बाद पुलिस एक्शन मोड़ में आ गई।
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मानव अंग तस्करी के बड़े रैकेट का हुआ खुलासा
बता दें कि कानपुर के डब्लू वन ब्लाक साकेत नगर में रहने वाली संगीता को अस्पताल में मेड की नौकरी दिलाने का झांसा देकर दिल्ली ले जाया गया। वहां नौकरी देने से पहले खून की जांच को जरूरी बताया गया। इस तरह कई प्रकार की जांचे हुई तो संगीता को कुछ शक हो गया, बस इसी कारण संगीता और उसके पति राजेश कश्यप ने बहाना बनाकर दिल्ली से कानपुर वापस आ गये थे। कानपुर में उन्हें धमकियां मिलने लगी तो उन्होंने 1 फरवरी को थाना बर्रा में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और कुछ दिन की छानबीन में मानव अंग तस्करी के बड़े रैकेट का खुलासा हो गया। संगीता की निशानदेही पर 17 फरवरी 2019 को पुलिस ने किडनी काण्ड से जुड़े 6 आरोपियों को पकड़कर जेल भी भेज दिया था।
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स्वाभाविक रूप से हुई थी मौत: पति
वहीं संगीता के पति राजेश कश्यप का कहना है कि उसकी मौत 6 अक्टूबर को स्वाभाविक रूप से हुई थी। जिसके बाद उसके शव को कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया था। लेकिन पुलिस को कुछ शक था इसलिए शव को कब्रिस्तान से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
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संगीता महत्वपूर्ण केस किडनी प्रकरण की वादनी थी: SSP
संगीता के पति राजेश कश्यप ने उसकी मौत होने के जानकारी पुलिस को नहीं दी जिससे कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। मामला मानव अंग तस्करी से जुड़ा था और संगीता मुख्य गवाह थी। इसलिए उसके शव को कब्रिस्तान से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। एसएसपी अनंत देव तिवारी का कहना है कि संगीता बड़े महत्वपूर्ण केस किडनी प्रकरण की वादनी थी। हालांकि उनकी मौत स्वाभाविक प्रतीत हो रही थी, लेकिन उनके परिजनों ने पुलिस को बताये बगैर शव को कब्रिस्तान में दफना दिया था।  संगीता के शव को दफनाने के बाद कुछ कंट्रोवर्सी पैदा होने लगी थी। साथ ही उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम कराने का मकसद यह है कि किसी प्रकार का शक ना हो और ट्रांसपैरेंसी बनी रहे।  

 

 

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Ajay kumar

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