Rampur News: चुनाव लड़ने के लिए 45 साल के नेता ने 45 घंटों में ढूंढ ली दुल्हन, नामांकन से पहले किया निकाह
punjabkesari.in Saturday, Apr 15, 2023 - 01:25 PM (IST)

रामपुर(रवि शंकर): यह राजनीति जो ना कराये थोड़ा है। पिछले तीन दशकों से रामपुर नगर में कोंग्रेस पार्टी का झंडा उठाये चलने वाले कोंग्रेस पार्टी के पूर्व नगराध्यक्ष मामून शाह खान के जीवन में 45 बसंत कब निकल गए पता ही नहीं चला। समाज सेवा और जनता की परेशानियां दूर करने में ऐसे जुटे कि 45 वर्ष की आयु तक घर बसाने की याद नहीं आई लेकिन, जब नगर पालिका अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित हो गया और ख्वाब टूटने लगा तो पलक झपकते ही दुल्हनिया ढूंढ निकाली और 45 घंटों के अंदर ही शादी तय कर दी। नामांकन की अंतिम तिथि 17 अप्रैल थी तो 2 दिन पहले 15 अप्रैल को होने वाली शादी के निमंत्रण कार्ड सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।
महिला के लिए आरक्षित हुआ नगरपालिका अध्यक्ष पद तो रचा डाली शादी
मिली जानकारी के मुताबिक, पश्चिम उत्तर प्रदेश के रामपुर के नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव दो दिलों को मिलाने का बहाना बन गया। हुआ यह कि कांग्रेस पार्टी रामपुर के पूर्व नगर अध्यक्ष मामून शाह खान पिछले तीन दशकों से राजनीति और समाज सेवा में ऐसे जुटे कि 45 वर्ष के होने तक उनको अपनी शादी कर घर बसाने का ख्याल नहीं आया। इस बार होने वाले स्थानीय निकाय के चुनाव में उन्होंने नगर पालिका अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने की जी जान से तैयारी की। लेकिन जब आरक्षण की सूची आई तो उनका सपना टूटने लगा।क्योंकि रामपुर नगरपालिका अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित हो गया। मामून शाह खान ने इसका अनोखा रास्ता निकाला और बिना देर किए दुल्हन ढूंढ कर नामांकन की अंतिम तिथि 17 अप्रैल से मात्र 2 दिन पहले ही 15 अप्रैल को शादी तय कर ली। उनकी शादी के कार्ड अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहे हैं।
जानिए, क्या कहना है समाजसेवी एवं नगरपालिका पद के प्रत्याशी मामून शाह का?
आपको बता दें कि इस विषय पर समाजसेवी एवं नगरपालिका पद के प्रत्याशी मामून शाह ने बताया मेरा नाम मामूम शाह है और मैं समाजसेवी हूं। बड़े लंबे समय से छात्र राजनीति में रहा और रामपुर के लोगों की सेवा करी, समाज सेवा से हमेशा जोड़ा रहा और लोगों की खिदमत करता रहा और इसी में आज मेरी उम्र 40 साल से ज्यादा हो गई है। लगातार लोगों की खिदमत करता रहा हूं और जहां-जहां जिसको जरूरत होती है मामून शाह वहां खड़ा होता है। चाहे बच्चा हो, बड़ा हो, बुजुर्ग हो, माताओं बहनों हो, जो भी मुझे आवाज देता है मामून शाह वहां खड़ा होता है। चाहे रात के 2:00 बजे या 3:00 बजे, मैं टाइम नही देखता हूं, ना अपना आराम देखता हूं मैं लोगों के साथ खड़ा होता हूं और लंबे समय से समाज सेवा कर रहा हूं।