50 हजार में बेचते थे लड़कियां; 12 साल में 15 को बनाया निशाना, पुलिस ने किया गिरोह का पर्दाफाश

punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 10:19 AM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से एक लड़कियों की खरीद फरोख्त के धंधा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। इस गिरोह में शामिल लोग पिछले 12 साल से ये गंदा काम कर रहे है और युवतियों को 50 हजार रुपये में बेचते है। पुलिस ने इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

12 साल में इतनी लड़कियों को बेचा 
जानकारी के मुताबिक, कृष्णानगर पुलिस ने मध्य प्रदेश के सहडोल निवासी संतोष साहू और राजस्थान के साकेतनगर निवासी मनीष भंडारी को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी 12 साल से लड़कियों की खरीद फरोख्त करने का धंधा कर रहे है। आरोपी शादी या फिर अनैतिक काम के लिए एक लड़की को 50 हजार रुपये में बेचते थे। गिरफ्तारी के दौरान इनके पास दो किशोरियां भी मिली है। आरोपी ने 12 साल में 15 लड़कियों को बेचा है। इस गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है और आरोपी सिम और मोबाइल बदलकर लड़कियों को बेचते थे। 

किशोरियों और युवतियों को बनाते थे निशाना 
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह सिर्फ किशोरियों और युवतियों को ही अपना निशाना बनाता था। कृष्णानगर इलाके से जिस किशोरी को आरोपी संतोष बेचने ले गया था, वह 28 जून को एक स्कूल के पास अकेली मिली थी। संतोष ने उससे बातचीत की तो पता चला कि किशोरी धार्मिक है और मथुरा जाना चाहती है। इसी का फायदा उठाकर किशोरी को झांसे में लिया और 30 जून को चारबाग रेलवे स्टेशन पर बुलाया था। किशोरी 30 जून को स्टेशन पहुंची और संतोष के साथ चली गई। 

लाखों रुपये देते थे लोग 
आरोपी संतोष पर 25 हजार का इनाम घोषित था। वह अक्सर अपना ठिकाना बदलता रहता था। वह प्रयागराज में नैनी स्थित महेवा, करेली स्थित नयापुरा भावापुरा और धूमनगंज स्थित कालिंदीपुरम में भी रहा। पुलिस पूछताछ में इन आरोपियों ने लड़कियों को बेचने का धंधा करने की बात कबूल की और बताया कि दो साल तक छत्तीसगढ़ जेल में बंद थे। आरोपी ने कहा 12 साल से मानव तस्करी कर रहा है। उसने अब तक 15 से ज्यादा लड़कियों को बेचा है। बताया कि जिन लोगों की शादी नहीं हो पाती थी वे लड़कियों की मांग करते थे और लाखों रुपये देते थे।
 


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Content Editor

Pooja Gill

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