मेरे ही नहीं CM, गवर्नर के लिए भी 15 मिनट से अधिक ट्रैफिक न रुके, एंबुलेंस को निकलने दें: कोविंद

punjabkesari.in Friday, Aug 27, 2021 - 05:03 PM (IST)

लखनऊ: अपने दौरे के दूसरे दिन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद लखनऊ के कैप्टन मनोज पांडेय सैनिक स्कूल में हीरक जयंती कार्यक्रम में पहुंचे। जहां उन्होंने वीआईपी के आने पर घंटो पहले ट्रैफिक बंद करने की वजह से परेशान आमनागरिकों का दु:ख व्यक्त किया। महामहिम ने कहा कि ‘मैं एक बात कहना चाहता हूं, मेरी यात्राओं के कारण यातायात में आम नागरिकों को जो असुविधा होती है, उससे मुझे पीड़ा होती है, मेरा सुझाव है कि मेरे कार्यक्रम से 15 मिनट पहले ट्रैफिक को नियंत्रण करना ठीक है, लेकिन बहुत पहले ऐसा करने से बचना चाहिए, साथ ही आपातकाल वाहनों जैसे एम्बुलेंस को निकालें...। ऐसा मेरे साथ ही नही बल्कि मुख्यमंत्री जी और राज्यपाल जी के लिए भी होना चाहिए।

गौरतलब है कि 26 जून को राष्ट्रपति के कानपुर प्रवास के दौरान जब ट्रैफिक रोका गया था, तो शहर की एक महिला उद्यमी वंदना मिश्रा की समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण मौत हो गई थी। इसी घटना का जिक्र करते हुए कोविंद ने ये सुझाव दिया है। इसके साथ ही नागरिकों को प्रशासन का सहयोग करते हुए ट्रैफिक नियमों का पालन करने को कहा। हम सब मिलजुल कर एक नियम का पालन करें तो इससे एक रास्ता जरूर निकल सकता है।

राष्ट्रपति ने की योगी, केशव की सराहना
कोविंद ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में योगदान करने वाले सम्पूर्णानन्दजी की प्रतिमा अनावरण करके मैं बहुत गौरवांवित महसूस कर रहा हूँ, क्योंकि इस सैनिक स्कूल की परिकल्पना उन्होंने वर्षो पहले की थी, शायद उन्होंने इस बात को सोचा होगा कि एक अनुशासित नागरिक ही राष्ट्र निर्माण कर सकता है, इस अनुशासित नागरिक की परिकल्पना के लिए मैं सम्पूर्णानन्द जी को नमन करता हूँ। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है, इसके लिए यहां के मुख्यमंत्री यहां की सरकार, शिक्षामंत्री उपमुख्यमंत्री जी के प्रयास बहुत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि मुझे ये जानकर प्रसन्नता हुई कि देश का ये पहला सैनिक स्कूल देश की बेटियों के लिए भी अवसर देता है, ये नारी सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम है, जितनी सराहना की जाय कम है। इस वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री जी द्वारा किया निर्णय कि सैनिक स्कूलों ने बेटियों केशिक्षा के अवसर प्राप्त होंगे, जबकि इस सैनिक स्कूल ने इसे 3 वर्ष पहले ही कर दिया गया। ये एक प्रतिमान है।

राज्यपाल ने योगी के कार्यों को सराहा
वहीं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि मुझे खुशी है कि इस सैनिक स्कूलों के छात्र उच्च पदों पर तैनात हैं, इस सैनिक स्कूलों के लिए मुख्यमंत्रीयोगी आदित्यनाथ द्वारा किये कार्य उल्लेखनीय है,  मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये कार्य प्रदेश के युवा आगे बढ़ेंगे,  देश की बड़ी युवा आबादी उत्तर प्रदेश की ही है। यूपी देश का पहला ऐसा प्रदेश है जिसने नई शैक्षिक नीति को लागू किया। इस अवसर पर सैनिक स्कूल के हीरक जयंती की राष्ट्रपति महोदय को धन्यवाद देती हूँ। 

योगी ने पूर्व सीएम स्व.सम्पूर्णानन्द को किया याद
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैप्टन मनोज पांडेय स्कूलों से जुड़े सभीका स्वागत और राष्ट्रपति महोदय का स्वागत अभिनन्दन करते हुए कहा कि आज ये स्कूल कईमायने में प्रतिमान गढ़ रहा है, इस विद्यालय के संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री स्व.सम्पूर्णानन्द जी जिन्होंने 1960 के कालखंड में इस बात की परिकल्पना की थी कि सैनिक स्कूल होने चाहिए, 1962 में युद्ध हुआ था, उस वक़्त उस राजनेता ने ही दूरदर्शिता से इसे भांप लिया था कि देश को इसकी जरूरत होगी। इसलिए हमारी सरकार ने संकल्प लिया कि देश को सैनिक स्कूलों की आवश्यकता है, सिर्फ सेना ही नहीं देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी हम देश को दे सकें,  संपूर्णानंद जी इस परिकल्पना को हमने साकार किया और इस प्रदेश के पांचवे सैनिक स्कूल का शिलान्यास गोरखपुर में किया। योगी ने कहा कि हमने इस सैनिक स्कूल का नाम 2017 मे कारगिल युद्ध के नायक कैप्टन मनोज पांडेय के नाम पर रखा और उस राष्ट्रनायक को सम्मान दिया। हमने 2018 में ही इस बात का निर्णय लिया कि बालिकाओं के भी सैनिक स्कूलों में प्रवेश होना चाहिए, यही परिकल्पना देश के प्रधानमंत्री जीने भी की। महिला सशक्तिकरण के रूप को साकार करने का कार्य हो रहा है। ये देश का पहला ऐसा सैनिक स्कूल है जो राज्य द्वारा संचालित हो रहा है।

'योगी के अथक प्रयासों से सैनिक स्कूल ने देश में अपना स्थान बनाया'
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस सैनिक स्कूल पर जितना ध्यान देना चाहिए था, पूर्वोत्तर सरकार में इस पर उतना ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री जी के द्वारा इस सैनिक स्कूल पर जितना ध्यान दिया गया, उससे पूरे देश में अपना स्थान बनाया है। केशव ने कहा राष्ट्रपति महोदय के संज्ञान में बताना चाहूंगा कि प्रदेश 2017 के बाद से नकल विहीन परीक्षा के लिए जाना जाने लगा, तकनीकी का प्रयोग करके सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षाएं सम्पन्न होती हैं, आज प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रणाली चल रही है, माध्यमिक,  बेसिक, उच्च और टेक्निकल शैक्षिक वर्ग मे हर गुणवत्ता वाली प्रणाली लागू है।


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Content Writer

Umakant yadav

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