लोकगायिका नेहा सिंह राठौर की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की खारिज, पुलिस के सामने पेश होने का सख्त आदेश; जानिए पूरा मामला

punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 07:32 AM (IST)

Lucknow News: लोकगायिका नेहा सिंह राठौर अक्सर अपनी गायिकी और बेबाक बयानों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। कभी वे सरकार पर सवाल उठाती हैं, तो कभी अपनी राय को खुलकर व्यक्त करती हैं। लेकिन अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी एक अहम याचिका खारिज कर दी है, जिससे उनकी स्थिति और जटिल हो सकती है।

क्या है पूरा मामला?
नेहा सिंह राठौर ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस पोस्ट के कारण लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में उनके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद नेहा सिंह ने इस एफआईआर को रद्द करने और गिरफ्तारी से रोक लगाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है।

कोर्ट का फैसला और आदेश
हाईकोर्ट ने कहा कि नेहा सिंह की याचिका में कहा गया था कि एफआईआर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन है, लेकिन अदालत ने इसे मानने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यह मामला जांच के लिए योग्य है। उन्होंने नेहा को 26 सितंबर 2025 को पुलिस के सामने उपस्थित होने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि संविधान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है, लेकिन यह पूर्ण नहीं है और इसके कुछ युक्तियुक्त प्रतिबंध भी हैं। जांच के दौरान जो साक्ष्य मिले हैं, उनसे प्रथम दृष्टया लगता है कि अपराध हुआ है। इसलिए एफआईआर को रद्द नहीं किया जा सकता।

FIR में क्या लिखा है?
27 अप्रैल 2025 को लखनऊ के हजरतगंज थाने में नेहा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। आरोप है कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए। इन बयानों को देशविरोधी माना गया और कहा गया कि उन्होंने संवेदनशील समय में अशांति फैलाने की कोशिश की।

सरकारी पक्ष का तर्क
सरकारी वकील ने कोर्ट में कहा कि नेहा सिंह के बयान संविधान की सीमाओं का उल्लंघन हैं। उन्होंने बताया कि उनके बयानों ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के समय देश की छवि को नुकसान पहुंचाया। साथ ही, नेहा के बयानों की पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर प्रशंसा भी हुई, जिससे देश की छवि कमजोर हुई। सरकार ने कहा कि मामले की जांच अभी जारी है और इस स्तर पर कोर्ट का हस्तक्षेप उचित नहीं होगा।


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Content Editor

Anil Kapoor

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