UP के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र जून में हो रहे रिटायर, रेस में इन IAS अधिकारियों के नाम

punjabkesari.in Saturday, Jun 15, 2024 - 02:03 PM (IST)

लखनऊ: यूपी सरकार में मुख्‍य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र का 30 जून को तीसरी बार बढ़ा हुआ सेवा विस्तार पूरा हो रहा है। ऐसे में अगला मुख्‍य सचिव कौन होगा, इसको लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। मुख्य सचिव बनने की दौड़ में मनोज कुमार सिंह, देवेश चतुर्वेदी, एसपी गोयल सहित कई सीनियर IAS अधिकारियों के नाम चर्चा में हैं। अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल और अपर मुख्य सचिव नियुक्ति देवेश चतुर्वेदी को उत्तर प्रदेश सरकार से केंद्र के लिए एनओसी दे दी गई है। ये दोनों अधिकारी भारत सरकार के सचिव पद के लिए पहले से इम्पैनल्ड हैं। सबसे ज्यादा संभावना मुख्य सचिव बनने वालों में मनोज कुमार सिंह की है। उनका रिटायरमेंट भी अगले साल है।

ब्यूरोक्रेसी में होगा बदलाव
चीफ सेक्रेटरी की तैनाती के साथ ही उत्तर प्रदेश के ब्यूरोक्रेसी के कई अहम पदों पर भी तमाम तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे। जैसे कि मुख्यमंत्री कार्यालय में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव या अपर मुख्य सचिव के पद पर भी फेरबदल होगा। प्रमुख सचिव नियुक्ति कार्मिक, कृषि उत्पादन आयुक्त जैसे तमाम महत्वपूर्ण पदों पर दूसरे अफसरो की पोस्टिंग के साथ यूपी ब्यूरोक्रेसी के समीकरण बदले हुए नजर आएंगे। 

मनोज कुमार सिंह 
मनोज कुमार सिंह 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। इस वक्त सूबे के ताकतवर आईएएस अधिकारियों में शुमार हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं। ब्यूरोक्रेसी में नंबर दो कृषि उत्पादन आयुक्त के पद पर तैनात हैं। मुख्य सचिव के बाद यूपी की ब्यूरोक्रेसी में सबसे ताकतवर पद उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन आयुक्त का होता है। मनोज सिंह के पास औद्योगिक विकास आयुक्त के साथ ही कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी है। 

एसपी गोयल 
एसपी गोयल 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी विश्वसनीय अधिकारियों में से एक हैं। उत्तर प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली है, तब से वह मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात हैं। हालांकि गोयल दिल्ली जाकर सचिव पद पर तैनाती के लिए प्रयासरत हैं और लोकसभा चुनाव के बीच में ही राज्य सरकार ने उन्हें एनओसी दे दी है। चर्चा ये भी है कि केन्द्र सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय में उन्हें सचिव पद पर तैनात किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो सबसे बड़े राज्य के चीफ सेक्रेटरी बनने का उनका सपना अधूरा रह जाएगा।

देवेश चतुर्वेदी 
देवेश चतुर्वेदी 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में सबसे महत्वपूर्ण विभाग में तैनात हैं। प्रमुख सचिव नियुक्ति के साथ-साथ कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद की जिम्मेदारी भी उनके पास है। देवेश साफ सुथरी छवि के अधिकारी माने जाते हैं और मुख्यमंत्री के साथ-साथ दिल्ली में भी उनके अच्छे रिश्ते हैं। एसपी गोयल की तरह देवेश चतुर्वेदी को भी केंद्र सरकार में पोस्टिंग का अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया है।

कौन हैं दुर्गा शंकर मिश्र?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्गा शंकर मिश्रा उत्‍तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले हैं. दुर्गा शंकर मिश्र ने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वे यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टन सिडनी से एमबीए कर चुके हैं। साथ ही इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज, द हेग से पब्लिक पॉलिसी में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा भी किया है। नौकरशाही के गलियारों में दुर्गा शंकर मिश्र की गिनती बेहद तेज-तर्रार अफसरों में होती है। 

कई जिलों में रहे हैं डीएम
उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी मिश्र कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, कृषि तथा कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान, स्टांप एवं पंजीयन विभाग, लघु सिंचाई, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे हैं। इसके अलावा सोनभद्र व आगरा के डीएम समेत कई अहम पदों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं। बाद में प्रतिनियुक्ति पर वह केंद्र में शहरी विकास मंत्रालय समेत कई विभागों में भी तैनात रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी करीबी अफसरों में गिनती
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मिश्र की नियुक्ति को सियासत से जोड़कर भी देखा जा रहा है। कहा जा रहा है कि प्रदेश में ब्राह्मण मंत्रियों व नेताओं के साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की बैठक के बाद यह पहला बड़ा बदलाव है। दुर्गा शंकर मिश्र की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में होती है।

5 मेट्रो दौड़ाने का रिकॉर्ड
सीनियर आईएएस दुर्गा शंकर मिश्रा दूसरे ‘मेट्रो मैन’ हैं। यह पहले आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय सचिव हैं जिनके कार्यकाल में एक-दो नहीं बल्कि पूरे पांच मेट्रो रेल प्रॉजेक्ट्स पूरे हुए। जिनमें लखनऊ मेट्रो 2017, हैदराबाद मेट्रो 2017, नोएडा मेट्रो 2019, अहमदाबाद मेट्रो 2019, नागपुर मेट्रो 2019 और साल 2021 खत्म होने से पहले कानपुर मेट्रो का उद्घाटन हुआ।
 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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