UP MLC By-Elections: मायावती बोलीं- 'दलितों, पिछड़ों के प्रति सपा की षड्यंत्रकारी नीति थोड़ी भी नहीं बदली'
punjabkesari.in Tuesday, May 30, 2023 - 10:55 AM (IST)
UP MLC By-Elections: उत्तर प्रदेश में सोमवार को विधान परिषद की दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है। बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों ने प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रत्याशियों को हरा दिया। अब चुनाव का रिजल्ट आने के बाद बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) की प्रतिक्रिया आई है। मायावती ने ट्वीट कर विधान परिषद चुनाव परिणाम में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की हार के बाद सपा को आड़े हाथों लिया है दलित और ओबीसी उम्मीदवार को हार निश्चित होने के बाद भी खड़ा करने को लेकर सवाल खड़ा किया है।
सपा की षड्यंत्रकारी नीति थोड़ी भी नहीं बदलीः मायावती
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि, यूपी विधान परिषद की दो सीटों के लिए कल हुए उपचुनाव में, हार निश्चित होने के बावजूद, चुनाव में सपा द्वारा दलित व ओबीसी उम्मीदवार को खड़ा करना, हरवाना तथा ज्यादा संख्या बल होने पर इनकी अनदेखी करना यह साबित करता है कि, इन वर्गों के प्रति सपा की षड्यंत्रकारी नीति थोड़ी भी नहीं बदली।
1. यूपी विधान परिषद की दो सीटों के लिए कल हुए उपचुनाव में, हार निश्चित होने के बावजूद, चुनाव में सपा द्वारा दलित व ओबीसी उम्मीदवार को खडा करना, हरवाना तथा ज्यादा संख्या बल होने पर इनकी अनदेखी करना यह साबित करता है कि इन वर्गों के प्रति सपा की षडयंत्रकारी नीति थोड़ी भी नहीं बदली।
— Mayawati (@Mayawati) May 30, 2023
मायावती ने दलितों से की ये अपील
वहीं, अपने दूसरे ट्वीट में मायावती ने कहा है कि, सपा व इनकी रही सरकारों के दौरान इनकी ऐसी ही संकीर्ण व घृणित राजनीति से दलितों, अन्य पिछड़ों एवं अकलियत समाज के लोगों का काफी अहित होता रहा है। इसलिए आगे ऐसे नुकसान से बचने के लिए इन वर्गों के लोगों को हमेशा बहुत ही सावधान रहने की सख़्त ज़रूरत है, बीएसपी की यह अपील।
दलित वोटरों पर है मायावती का फोकस
बता दें कि, यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा चारों खाने चित हो गई। मात्र एक सीट पर बसपा उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। इसके बाद हुए नगर निकाय चुनाव में भी यही हाल रहा। बसपा महापौर पद पर एक भी सीट नहीं जीत सकी, जबकि पिछले चुनाव में उसने दो सीटें जीत ली थीं। अब बसपा अन्य प्रदेशों पर फोकस कर रही है और मायावती का फोकस सभी दलित वोटरों पर है।