UP का 'क्राइम-फ्री' गांव: 30 सालों से थाने में दर्ज नहीं हुई एक भी शिकायत, बुजुर्गों की पंचायत से सुलझते हैं सारे विवाद

punjabkesari.in Saturday, Sep 13, 2025 - 03:04 PM (IST)

Hapur News: जहाँ एक ओर देश के कई इलाकों में छोटे-छोटे विवादों को लेकर मुकदमेबाजी और पुलिस थानों के चक्कर लगते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में स्थित रतनगढ़ गांव एक अनोखा उदाहरण पेश कर रहा है। पिछले 30 वर्षों में यहां पुलिस थाने में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। यह गांव गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे बसा है और अपनी शांति, आपसी भाईचारे और सामाजिक अनुशासन के लिए चर्चित हो चुका है।

विवाद होते हैं, लेकिन थाने नहीं पहुंचते
गांव में यदि कभी कोई विवाद या मतभेद होता भी है, तो उसे गांव के बुजुर्ग और सरपंच आपस में बैठकर सुलझा लेते हैं। यहां विवादों को सार्वजनिक या कानूनी स्तर पर नहीं ले जाया जाता, बल्कि पारंपरिक ढंग से हल किया जाता है। स्थानीय लोग अपने बुजुर्गों और सरपंच के निर्णयों को पूर्ण सम्मान देते हैं, और यही इस गांव की सामाजिक व्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत है।

100% साक्षरता और नशा-मुक्त वातावरण
करीब 50 परिवारों वाले इस छोटे से गांव की एक और खास बात है — यह पूरी तरह शिक्षित और नशा-मुक्त है। गांव में कोई भी व्यक्ति शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करता। ग्रामीण या तो सरकारी-प्राइवेट नौकरियों में हैं, व्यापार करते हैं, या खेती-बाड़ी से जुड़े हैं। गांव को "रतनगढ़ राजपूतों का गांव" भी कहा जाता है और यहां के अधिकांश परिवार एक ही गोत्र से संबंध रखते हैं। पारिवारिक एकता और परंपराओं के पालन ने भी गांव में सौहार्द कायम रखने में अहम भूमिका निभाई है।

गांव का सामाजिक मॉडल बन सकता है मिसाल
रतनगढ़ गांव का यह मॉडल दर्शाता है कि शिक्षा, अनुशासन और आपसी विश्वास के बल पर किसी भी समाज को विवादों से दूर रखा जा सकता है। आज जब देश के कई हिस्सों में छोटी-छोटी बातों पर बड़े विवाद और हिंसा की खबरें आती हैं, ऐसे में रतनगढ़ गांव एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर सामने आया है।


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Content Editor

Mamta Yadav

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