पंजाब की राह पर यूपी का पीलीभीत! 3000 सिखों का डरा-धमकाकर ईसाई बनाने का दावा, अवैध धर्मांतरण से प्रशासन के उड़े होश
punjabkesari.in Sunday, May 25, 2025 - 12:53 AM (IST)

Pilibhit News: पंजाब जिस ईसाई धर्मांतरण के खेल से इस वक्त जूझ रहा है, वहीं धर्मांतरण का खेल अब यूपी के पीलीभीत जिले में भी जोर पकड़ रहा है। जिले के भारत-नेपाल बॉर्डर से लगे क्षेत्र में धर्मांतरण का यह खेल जारी है औऱ लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन कराए जाने की बात कही जा रही है। सीमावर्ती इलाके से लगे सिख समाज के कई गांव में ईसाई धर्मांतरण का मुद्दा अब चर्चा का विषय बन गया है, क्योकि ये धर्म परिवर्तन का गैंग जो सक्रिय है जोकि पहले सिर्फ सिख समाज के लोगों को बरगलाकर उनको निशाना बना रहा है।
पूरनपुर इलाके के स्थानीय गुरुद्वारों ने बाकायदा पुलिस में ये शिकायत दर्ज कराई है कि उन गांव में जहां सिर्फ सिखों की आबादी है वहां लालच या 'चंगाई प्रार्थना सभा' के जरिए उनका धर्म बदलवाकर उन्हें ईसाई बना दिया गया है। दावा है कि एक, दो नहीं बल्कि पूरे 3000 सिखों का धर्म परिवर्तन कराया गया है। स्थानीय सिख संगठनों और गुरुद्वारा कमेटी ने जिला प्रशासन को 160 परिवारों की सूची सौपी है जिन्होंने कथित तौर पर सिख धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाया है।
हालांकि धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद गुरुद्वारा कमेटी ने भी सख्त रुख अपनाया है। कमेटी ने धर्मांतरण करने वालों पर गुरुद्वारे में प्रवेश पर रोक लगा दी है औऱ कमेटी ने ‘घर वापसी’ अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत 180 परिवारों ने सिख धर्म में वापसी भी की है। कमेटी का कहना है कि यह सुनियोजित साजिश विदेशी ताकतों और नेपाली पदारियों द्वारा गरीबी और अशिक्षित का फायदा उठाकर की जा रही है। आरोप है कि नेपाल के रास्ते से फादरी औऱ पंजाब- हरियाणा से इनके सहयोगी आकर सिख समाज के लोगों को बरगला रहे हैं। आरोप है कि नेपाली पादरी और अन्य राज्यों से आए लोग सरकारी योजनाओं का लाभ, मुफ्त इलाज और आर्थिक लालच देकर सिखों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं। थाना हजारा क्षेत्र के गांव टाटरगंज की एक पीड़ित महिला ने दावा किया कि उसके पति को जबरन ईसाई बनाया गया और उसके बच्चों पर भी धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया जा रहा है। विरोध करने पर मारपीट की घटनाएं भी सामने आई हैं।
मामले में हजारा पुलिस ने 8 नामजद और 40 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। मामले में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी शिकायत कर जांच कराने की मांग की गई है। मामले में नवागत डीएम ज्ञानेंद्र सिंह भी सख्त हुए है डीएम ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है मामले की गंभीरता से जांच होगी औऱ उत्तर प्रदेश धर्म स्वतंत्रता कानून के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।