वाराणसी: 3 साल में कंगाल से करोड़पति बना शुभम!… यूपी से बांग्लादेश तक फैला नेटवर्क...लेकिन सच सामने आया तो पुलिस भी दंग

punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 07:44 PM (IST)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सक्रिय कफ सिरप तस्करी गिरोह का जाल एक बार फिर बेनकाब हुआ है। कफ सिरप के किंगपिन माने जाने वाले शुभम जायसवाल का नेटवर्क न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान से होते हुए बांग्लादेश तक फैला हुआ था। तस्करी के लिए यह गिरोह लगातार नए तरीके ढूंढता था—कभी नमकीन व चिप्स के पैकेटों में बोतलें छिपाई जाती थीं, तो कभी चूने की बोरियों और पेंट की बाल्टियों के बीच इन्हें भरकर भेजा जाता था।

कफ सिरप की बोतलें बरामद 
अक्टूबर में जब पुलिस ने सोनभद्र के चुर्क लाइन मोड़ के पास दो कंटेनरों की जांच की तो 1 लाख 20 हजार से अधिक कफ सिरप की बोतलें नमकीन के पैकेटों के बीच छिपी मिलीं। इस केस में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह गाजियाबाद में भी चूने के बोरों में छिपाकर एक बड़ी खेप पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश भेजने की तैयारी चल रही थी।

2 करोड़ की कोडीन युक्त कफ सिरप बरामद
जांच के दौरान अब वाराणसी में एक जिम के नीचे स्थित गोदाम से करीब 2 करोड़ रुपये की कोडीन आधारित कफ सिरप बरामद हुई है। पेंट की बाल्टियों के भीतर रखी इन बोतलों का सुराग भी सीधे शुभम जायसवाल से जुड़ रहा है। डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार ने बताया कि बरामद सिरप और पैटर्न की बारीकी से जांच की जा रही है।

बांग्लादेश में 8–10 गुना कीमत पर बिकती थी बोतलें
सूत्रों के अनुसार, तस्करी का अंतिम ठिकाना बांग्लादेश था। पश्चिम बंगाल बॉर्डर तक खेप पहुंचाने के बाद, छोटे कैरियर साइकिल आदि माध्यमों से इसे सीमा पार कराते थे। बांग्लादेश में इसकी कीमत भारत की तुलना में 8 से 10 गुना अधिक मिलती थी। इसी गैरकानूनी कारोबार ने शुभम को महज तीन वर्षों में करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक बना दिया।

शैली ट्रेडर्स के नाम पर चलता था कारोबार
शुभम जायसवाल रांची में रजिस्टर्ड अपनी फर्म ‘शैली ट्रेडर्स’ के जरिए इस पूरे रैकेट को संचालित करता था। उसके तार विभिन्न राज्यों से जुड़े पाए गए हैं। अब 100 करोड़ रुपये से अधिक की कोडीन युक्त कफ सिरप तस्करी मामले में शुभम सहित 28 लोगों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है।

SIT कर रही हर पहलू की जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए SIT गठित की गई है, जो नेटवर्क, सप्लायर, ट्रांसपोर्ट चैनल और फंडिंग सहित हर पहलू की गहन जांच कर रही है। पुलिस को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस रैकेट के और बड़े खुलासे सामने आ सकते हैं।
 


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Content Writer

Ramkesh

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