न्याय अधिकार महाकुम्भ में जुटे बहुजन समाज के दिग्गज संगठन, दोहराई जातिगत जनगणना की मांग

punjabkesari.in Sunday, Mar 12, 2023 - 03:08 PM (IST)

नई दिल्ली: संयुक्त बहुसंख्यक विचार मंच द्वारा नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित न्याय अधिकार महाकुम्भ में सामाजिक आर्थिक रूप से पिछड़े, अन्य पिछड़ा वर्ग,दलित एवंआदिवासी समाज के प्रतिनिधि सामाजिक संगठनों के आह्वान पर हज़ारों की संख्या में पहुँचे लोगों ने भारतीय समाज में जातिगत भेदभाव और ऊंच-नीच की भावना को जड़ से ख़त्म कर समानता और परस्पर भाईचारे पर आधारित सामाजिक व्यवस्था बनाने की माँग की। महाकुम्भ में जातिगत जनगणना और सरकारी विभागों में स्थाई नौकरियों को लेकर ‘मूल निवासियों’ में व्यापक जागरूकता फैलाने और अखिल भारतीय जन-समर्थन जुटाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जागरुकता अभियान चलाने का संकल्प लिया गया।
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शुक्रवार 10 मार्च की सुबह से शुरू होकर शनिवार 11 मार्च की शाम को समाप्त हुए इस दो-दिवसीय महासम्मेलन में देश के कोने-कोने से हज़ारों की संख्या में पहुँचे लोगोंको,100 से भी अधिक दिग्गज नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, चिंतकों, न्यायविदों, और बहुजन समाज की अन्य सम्मानित शख़्सियतों ने सम्बोधित किया। रामलीला मैदान स्थित महाकुम्भ के विशाल मंच से लोकसभा सांसद नबा कुमार, राज्य सभा सांसद एवं भारत के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल- पी. विल्सन, पूर्व राज्य सभा सांसद- प्रोफ़ेसर डॉ. राम बख्श सिंह वर्मा, पूर्व लोक सभा सांसद- राज कुमार सैनी, पूर्व राज्य सभा सांसद- विशम्भर प्रसाद निषाद, जस्टिस वीरेंद्र सिंह यादव (से.नि.), आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस- वी. ईश्वरैया, ओबीसी फ़्रंट ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष- डॉ० महेश मानव, पैग़ाम के संस्थापक- सरदार तेजिंदर सिंह झल्ली, ओबीसी फ़्रंट ऑफ़ इंडिया दिल्ली के अध्यक्ष- पुष्पेंद्र सिंह यादव समेत कई गणमान्य लोगों ने बहुजन हितों की हो रही अनदेखी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि,यह जातिगतभेदभाव नहीं तो आख़िर क्या है, कि आज़ादी के 70 सालों बाद भी कार्यपालिका, न्यायपालिका और अकादमिक जगत के उच्च पदों पर बहुजन समाज की हिस्सेदारी न के बराबर है।
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अपने सम्बोधन में वक्ताओं ने सरकार के सामने जातिगत जनगणना कराने, जल जंगल जमीन का अधिकार दिलाने, निगमों का निजीकरण बंद कराने, न्यायपालिका में समुचित प्रतिनिधित्व दिलाने, सफाई कर्मचारियों की विभिन्न समस्याओं के प्राथमिकता से समाधान कराने, घुमंतू और विमुक्त जनजातियों की समस्याओं का समाधान कराने, ठेके की नौकरियां बंद कर परमानेंट सरकारी भर्ती करने, बैलेट पेपर से चुनाव करवाने समेत अन्य कई सामाजिक महत्व की मांगें रखीं और सरकार समेत व्यवस्था के सभी अंगों से सामाजिक न्याय दिलाने और समतामूलक समाज बनाने के प्रयास में हर सम्भव सहयोग देनेका आग्रह किया।

आयोजन समिति से जुड़े अनिल कुमार ने बताया कि देश के अलग-अलग गावों, क़स्बों और शहरों से बड़ी तादात में बहुजन समाज के लोग, विशेषकर युवा साथी, अपनी अस्मिता, अपनी पहचान और अपने भविष्य से जुड़े इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए आयोजित इस महाकुम्भ में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुँचे। आने वालों की सुविधा के लिए आयोजकों द्वारा सभा स्थल पर ही खाने-पीने की व्यवस्था गई है और दिल्ली के बाहर से आने वाले लोगों के लिए रानी झांसी मार्ग, नई दिल्ली स्थित डॉ० अंबेडकर भवन में ठहरने की भी समुचित व्यवस्था की गई है।

 

 

 

 

 


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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