VIDEO: आवारा जानवर किसानों के लिए बने सिरदर्द, फसल रखवाली के लिए कड़ाके की सर्दी में रात काटने को मजबूर

punjabkesari.in Tuesday, Jan 03, 2023 - 07:17 PM (IST)

उन्नाव: मुंशी प्रेमचंद्र जी ने एक कहानी लिखी थी पूस की रात, और इस कहानी का मुख्य पात्र एक किसान हल्कू था, जो अपने कुछ कपड़ो की बदौलत सर्द रातों में अपनी फसल की रखवाली करता था। ठीक उसी तरह के हालात आज फिर किसानों के हो गए हैं। दरअसल इन दिनों उन्नाव में किसान आवारा पशुओं से अपनी फसलों को बचाने के लिए खेतों में खुले आसमान के नीचे सर्द रातें काट रहे हैं। गेहूं, जौ, सरसों की फसल आज भी इन किसानों के लिए उनकी आजीविका का मुख्य साधन हैं... लेकिन आवारा मवेशियों के झुंड उनकी फसल को एक ही रात में चरकर खत्म कर देते हैं। कई बार ये जानवर इन किसानों पर भी हमलावर हो जाते हैं। खेतों में रात के अंधेरे में आपको बड़ी संख्या में किसान हाथ में टोर्च और डंडा लेकर खेतों की रखवाली करते दिख जाएंगे।

इतना ही नहीं अब किसानों को रात- जागते-जागते हालत ये हो गई है कि उनकी मौत भी हो रही है, क्योंकि इन दिनों उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। बता दें कि दो दिन पहले ही पास के गांव के रहने वाले किसान नन्हे की खेत पर रखवाली करते समय सर्दी लगने मौत हो गई थी... इस सर्द भरी रातों को जागकर काटते हुए किसानों का दर्द छलक जाता है... इन किसानों का कहना है ऐसे तो हम सर्द रातों में अकेले मरेंगे लेकिन, अगर फसल न बचाई तो बच्चों समेत पूरा परिवार मर जाएगा। किसानों के इसी दर्द और मजबूरी को जानने हम भी सर्द रातों में खेतों के लिए निकल पड़े।  ठंड का आलम ऐसा था कि जिस सर्दी वाली रात में हम आप अपने घरों की रजाइयों से निकलना भी पसंद नहीं करते, वैसे में ये किसान पूरी रात खेतों में रुक कर फसल बताते हैं।


 


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Content Writer

Ramkesh

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