वसीम रिजवी आज कर सकते हैं सरेंडर, वीडियो जारी कर कहा- मैं सनातन में हूं और मरते दम तक सनातन में रहूंगा

punjabkesari.in Thursday, Sep 01, 2022 - 01:11 PM (IST)

गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी गुरुवार को हरिद्वार पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर सकते हैं।  29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत खारिज कर दी थी। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 2 सितंबर तक संबंधित पुलिस स्टेशन में सरेंडर करने का आदेश दिया था। जितेंद्र पहले ही कह चुके हैं कि वह 2 सितंबर से पहले सरेंडर कर देंगे। वहीं, बुधवार को वसीम रिजवी ने 11 मिनट 38 सेकंड का 'मन की बात' वीडियो संदेश अपने यूट्यूब चैनल पर जारी किया।

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हीरो बनने के चक्कर में मेरी गर्दन काटना चाहते हैं
इसमें रिजवी ने कहा, "हो सकता है कि मैं किसी फिदाइन हमले में मारा जाऊं। जैसी सूचनाएं मिल रही हैं। पहले भी लोगों ने कोशिश की है। हरिद्वार के ज्वालापुर के कुछ क्रिमिनल जेल में आकर मेरी गर्दन काटना चाहते थे। मगर, जेल में सुरक्षा की सख्ती की वजह से ऐसा नहीं हो पाया। फिर भी जो इस्लामिक कट्टरपंथी अपराधी किस्म के लोग हैं। हीरो बनने के चक्कर में मेरी गर्दन काटना चाहते हैं। मुझे उस चीज से कोई परवाह नहीं है। क्योंकि जो कदम मैंने उठाया है, बहुत सोच समझकर उठाया है।''

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मैं जेल से छूट कर आया
अफसोस इस बात का है कि जब मैं जेल से छूट कर आया। बहुत से लोगों ने मुझसे फोन पर पूछा कि सनातन धर्म में वापस जाकर आपको क्या मिला? मैं समझता हूं कि जिस वक्त आतंकी गतिविधियों, इस्लामिक जिहाद, कट्टरपंथी शिक्षा, इस्लामिक क्रूरता से मैं परेशान था। 1400 साल पहले पता नहीं कितनी नस्लों के बाद हम अपने घर वापस हुए। घर वापसी करके हमने सनातन धर्म को कबूल किया। क्योंकि सनातन धर्म से हम पहले से प्रभावित थे। भगवान महादेव, श्रीराम, श्रीकृष्ण और खासकर हिंदू संस्कृति से हम प्रभावित थे।

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मैं बहुत डिप्रेशन में हूं
इसलिए हमने घर वापसी को सही समझा। मगर, थोड़ा अफसोस ये हुआ कि मेरे साथ ऐसा रवैया अपनाया गया, जैसे कोई बहुत पुराना रिश्तेदार घर वापस आ जाए। परिवार के सभी सदस्य उसको प्यार-स्नेह न दें। मेरे साथ ऐसा ही हुआ।मैं आज खुलकर इसलिए बात कर रहा हूं, क्योंकि मेरी जिंदगी का कुछ ठीक नहीं है। मैं बहुत डिप्रेशन में हूं। हो सकता है कि दुश्मनों से मारने से बेहतर मैं ये फैसला करूं कि अपने जीवन को खुद समाप्त कर लूं। मगर, मैं सनातन में हूं और मरते दम तक सनातन में रहूंगा। इस बीच बहुत से लोगों ने साथ छोड़ा तो कुछ ने साथ भी दिया। बहरहाल, मैं सबका शुक्रगुजार हूं।"

पूरा मामला
गौरतलब है कि हरिद्वार के वेद निकेतन में 17 और 19 दिसंबर, 2021 को धर्म संसद आयोजित हुई थी। इसमें कथित तौर पर एक समुदाय को खत्म करने जैसी बातें कही गई थीं। हरिद्वार पुलिस ने ज्वालापुर के रहने वाले गुलबहार खां की शिकायत पर 23 दिसंबर, 2021 को करीब 10 धर्मगुरुओं के खिलाफ हेट स्पीच की FIR दर्ज की थी। इसमें वसीम रिजवी का नाम भी शामिल था। इसके बाद 13 जनवरी, 2022 को हरिद्वार पुलिस ने FIR के आधार पर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी उर्फ वसीम रिजवी को गिरफ्तार किया था। जितेंद्र करीब 4 महीने तक हरिद्वार जेल में बंद रहे।

सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत हुई खत्म
17 मई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर वसीम रिजवी को अंतरिम जमानत दी थी। इसको बाद में कुछ और समय के लिए बढ़ा कर 29 अगस्त, 2022 को रख दिया गया। 29 अगस्त को जमानत की अवधि समाप्त हो गई है। 29 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत समाप्त करते हुए वसीम रिजवी को 2 सितंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वसीम रिजवी पहले सरेंडर करें, फिर उनकी फ्रेश जमानत याचिका पर सुनवाई होगी। कोर्ट ने मामले में सुनवाई की तारीख 9 सितंबर तय की है। बता दें कि वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर 9 महीने पहले सनातन धर्म अपनाया था। धर्म बदलने के बाद उनका नया नाम जितेंद्र नारायण त्यागी हो गया था।


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Content Writer

Tamanna Bhardwaj

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