श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला वादयोग्य है या नहीं, अदालत 19 अप्रैल को करेगी तय
punjabkesari.in Sunday, Mar 27, 2022 - 10:30 AM (IST)
मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास स्थित शाही मस्जिद के विवाद का मुकदमा अदालत में चलाने योग्य है या नहीं, इस पर न्यायिक बहस के लिये अदालत ने 19 अप्रैल की तारीख मुकरर्र की है। मथुरा स्थित सिविल जज (सीनियर डिवीजन) ज्योति सिंह ने शुक्रवार को ठाकुर केशवदेव महाराज बनाम इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद ईदगाह के मुकदमे में सुनवाई के लिए 19 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख पर इस बात पर बहस होगी कि यह वाद चलाने योग्य है या नहीं।
अदालत ने बहस के लिए अगली तारीख देने के साथ ही वादी पक्षकार पर 250 रूपए का जुर्माना भी लगा दिया है। सुनवाई के दौरान वादी और प्रतिवादी पक्ष अदालत से अलग अलग मुद्दों पर बहस करने के लिए अनुरोध करने लगे। इसमें वादी पक्षकार के वकील महेन्द्र प्रताप सिंह ने अदालत से अनुरोध किया कि उनके द्वारा समय समय पर दिये गये आठ प्रार्थनापत्रों पर विचार किया जाना चाहिये। वहीं, प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद का कहना था कि इससे पहले सिविल प्रक्रिया संहिता और वर्शिप ऐक्ट में मामले की पोषणीयता यानी मुकदमा चलाने योग्य है या नही, इस पर विचार किया जाना चाहिए। दोनो की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने शुक्रवार को ही वाद की पोषणीयता पर बहस कराने को कहा।
वादी पक्ष ने उस समय इस पर बहस के लिए तैयार नहीं होने की दलील देते हुए अदालत से इसके लिए समय मांगा। इस पर अदालत ने उनके लिखित अनुरोध को स्वीकार कर दो सौ पचास रुपये जुर्माना लगाते हुए बहस के लिये 19 अप्रैल की तारीख निर्धारित कर दी। गौरतलब है कि अधिवक्ता एवं वादी महेन्द्र प्रताप सिंह ने विराजमान ठाकुर केशव देव जी महाराज कटरा केशवदेव, मथुरा के अधिवक्ता एडवोकेट राजेन्द्र माहेश्वरी, दिल्ली के शाहदरा निवासी और यूनाइटेड हिन्दू फ्रन्ट के संस्थापक जय भगवान एवं धर्म रक्षा संघ वृन्दावन के अध्यक्ष सौरभ गौड़ के साथ मिलकर अपने को ब्रजवासी एवं श्रीकृष्ण का वंशज बताते हुए 23 दिसंबर 2020 को सिविल जज मथुरा की अदालत में वाद दायर किया था।
जिसमें ठाकुर केशव देव जी महाराज कटरा केशवदेव की 13.37 एकड़ भूमि के एक भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की अदालत से मांग की गई थी। इस वाद में इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद ईदगाह के सचिव, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अध्यक्ष और चेयरमैन सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड को प्रतिवादी बनाया गया था।