मुलायम सिंह के बिना "यादव लैंड" में तय होगा अखिलेश का सियासी रसूख...

punjabkesari.in Tuesday, Apr 30, 2024 - 05:50 PM (IST)

लखनऊः सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बिना समाजवादी पार्टी पहली बार लोकसभा चुनाव के समर में उतरी है। हालांकि मुलायम के निधन के बाद मैनपुरी में हुआ उप चुनाव डिंपल यादव ने जीता था, तब परिवार में एका हुआ था और चाचा-भतीजा, शिवपाल सिंह और अखिलेश यादव ने साथ आकर नेताजी की विरासत बचाने के लिए दिन-रात एक कर दिया था। लेकिन अब पार्टी के प्रदर्शन का पूरा दारोमदार अध्यक्ष अखिलेश यादव के कंधे पर है। ऐसे में यह चुनाव सपा के परंपरागत वोटरों को साथ रखने के साथ प्रदेश में 'यादव लैंड' कही जाने वाली लोकसभा की 10 सीटों पर तेज रफ्तार में साइकिल दौड़ाने का भी है।

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चुनावी परिणाम  तय करेगा अखिलेश यादव का भविष्य 
उत्तर प्रदेश में मैनपुरी, फिरोजाबाद, बदायूं, एटा, कन्नौज, जौनपुर, फैजाबाद, आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया लोकसभा सीटें यादव बहुल मानी जाती हैं। इसलिए इन्हें यादव लैंड कहकर भी पुकार जाता है। अब इन सीटों के चुनावी परिणाम ही प्रदेश और देश में अखिलेश यादव का सियासी रसूख और भविष्य तय करेंगे। यह भी साफ हो जाएगा कि मुलायम के बाद यादव समाज कितनी बड़ी संख्या बल के साथ अखिलेश की नुमाइंदगी कुबूल करता है, क्योंकि भाजपा ने यादव बहुल सीटों पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उतारकर अखिलेश के यादव वोट बैंक में दरार डालने का पूरा जाल बिछा रखा है।

लगातार घट रही सीटें बनीं चिंता का सबब
वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में सपा ने 26 सीटें जीती थीं। इनमें यादव लैंड की मैनपुरी, एटा, इटावा, फिरोजाबाद, बदायूं और आजमगढ़ की सीटें शामिल थी। जौनपुर भाजपा के हिस्से में आई थी। 2004 में सपा के 37 सांसद चुने गए थे। मैनपुरी, एटा, इटावा, फिरोजाबाद, बदायूं, जौनपुर लोकसभा सीटों पर सपा ने विरोधियों को पछाड़ दिया था। इस चुनाव में फैजाबाद और आजमगढ़ से बसपा जीती थी। हालांकि 2009 के चुनाव से सपा का जनाधार खिसकने लगा। इस चुनाव में सपा ने 21 सीटें जीतीं। लेकिन इनमें यादव लैंड की केवल तीन मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद लोकसभा सीटें शामिल थी। हालांकि एटा से सपा समर्थित उम्मीद‌वार पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह जीते थे। फिरोजाबाद सीट पर अखिलेश यादव के इस्तीफा देने से उपचुनाव हुआ तो कांग्रेस के राज बब्बर ने जीत दर्ज कर ली थी। उन्होंने अखिलेशकी पत्नी डिंपल यादव को हरा दिया था। वर्ष 2009 में बलिया सीट सपा ने जीती, फैजाबाद से कांग्रेस, जौनपुर से बसपा, संतकवीर नगर से बसपा और आजमगढ़ से भाजपा ने जीत हासिल की थी।

बीते चुनाव में सपा का सबसे खराब प्रदर्शन
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा का यादव लैंड में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। इस चुनाव में मैनपुरी से मुलायम सिंह यादद और आजमगढ़ से अखिलेश यादव ही चुनाव जीत पाए। वहीं वर्ष 2022 के लोकसभा उपचुनाव में आजमगढ़ सीट पर भाजपा ने जीतकर कमल खिला दिया।

अन्य पिछड़ी जातियों के भाजपा की ओर मुड़ने के जवाब में आया पीडीए
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद जिस तरह अन्य पिछड़ी जातियां भाजपा की ओर एकजुट हुई उससे सपा को विजय दिलाने वाले मुस्लिम यादव समीकरण का प्रभाव कम हो गया। इसीलिए इस बार के चुनाव में अखिलेश यादव ने जनाधार बढ़ाने के लिए 'पीडीए' यानी पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक फॉर्मूला तैयार किया है। अब इसकी परीक्षा होनी है।


 


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Content Writer

Ajay kumar

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