संभल में अतिक्रमण हटाने का काम जारी, मंदिर के पास घर का छज्जा तोड़ा
punjabkesari.in Tuesday, Dec 17, 2024 - 10:58 AM (IST)
Sambhal (मुजम्मिल दानिश): उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल बाद मिले मंदिर के खुलने के बाद इसके आसपास से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार जारी है। मंदिर के पास बने घरों के छज्जे भी तोड़े जा रहे हैं, और मकान मालिक खुद ही इसे हटवा रहे हैं। दरअसल, शिव मंदिर के पास अतिक्रमण हटाने का अभियान शहरभर में चल रहा है। मंगलवार को मंदिर के पास स्थित एक मकान का छज्जा तोड़ा गया, जिसे मकान मालिक ने खुद ही तुड़वा दिया। उन्होंने कहा कि मंदिर के आसपास के इलाके में छज्जा होने से मंदिर ढक रहा था, इसीलिए उन्होंने इसे हटवाने का फैसला लिया।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी
संभल शहर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी तेज हो गई है। सोमवार को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क के मोहल्ले दीपा सराय और विधायक इकबाल महमूद के मोहल्ले में नालियों के स्लैब तोड़े गए। इसके अलावा हातिम सराय में भी अतिक्रमण हटाया गया। पालिका के ईओ मणिभूषण तिवारी ने बताया कि दीपा सराय, मियां सराय और हातिम सराय में अतिक्रमण हटाया गया है। उन्होंने बताया कि शहर में 37 वार्ड से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। कई इलाकों में लोगों को मुनादी के जरिए अतिक्रमण हटाने के लिए जागरूक किया गया था, लेकिन जिन इलाकों में अतिक्रमण नहीं हटाया गया, वहां जेसीबी से कार्रवाई की गई। यह अभियान लगातार जारी रहेगा, और शहर के सभी वार्डों से अतिक्रमण हटाया जाएगा।
46 साल बाद खुले मंदिर में श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
संभल के खग्गू सराय स्थित शिव मंदिर के कपाट 46 साल बाद सोमवार को खोले गए, जिसके बाद श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महिलाएं भजन कीर्तन में भाग लेकर वातावरण को भक्तिमय बना रही थीं। सोमवार सुबह से लेकर शाम तक मंदिर में पूजा-अर्चना होती रही, और 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए। आचार्य वैभव कृष्ण शास्त्री ने बताया कि सुबह 6:30 बजे से मंदिर में दर्शन शुरू हुए थे। 46 साल बाद मंदिर खोला गया है। इससे पहले 1978 में दंगे के कारण मंदिर बंद कर दिया गया था और हिंदू परिवारों ने पलायन कर दिया था। अब पुलिस प्रशासन की मदद से मंदिर के ताले खोले गए हैं और श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
आरती में शामिल हुए सैकड़ों श्रद्धालु
सोमवार को मंदिर में सुबह और शाम की आरतियां भी हुईं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। आचार्य वैभव कृष्ण शास्त्री ने बताया कि सुबह 300 से ज्यादा श्रद्धालु आरती में शामिल हुए थे, और शाम को भी इतनी ही संख्या में श्रद्धालु आरती में शामिल हुए। मंदिर की सीमित जगह होने के बावजूद श्रद्धालुओं में प्रसन्नता का माहौल था, और वे दर्शन के साथ-साथ आरती में भी भाग ले रहे थे।