सातवें वेतनमान की मांग को लेकर 6 जुलाई को UP के बिजली कर्मचारी करेंगे हड़ताल

punjabkesari.in Sunday, Jun 25, 2017 - 05:28 PM (IST)

लखनऊ: सातवें वेतनमान पुनरीक्षण की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों ने 6 जुलाई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है। इससे पहले 29 जून को सूबे के तमाम मुख्यालयों में सत्याग्रह किया जाएगा। विद्युत् कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियन्ता की सम्पन्न बैठक में यह फैसला लिया गया।

बैठक में 6 जुलाई से होने वाले कार्य बहिष्कार और 29 जून को होने वाले सत्याग्रह को सफल बनाने की रणनीति तैयार की गई। सभी परियोजनाओं, क्षेत्रों,वितरण कंपनियों के मुख्यालयों और लखनऊ के लिए संघर्ष समिति ने प्रभारी तय कर दिए हैं जिनकी आंदोलन को प्रभावी ढंग से कराने की जिम्मेदारी होगी। बैठक में विद्युत् अभियन्ता संघ ,जूनियर इंजीनियर्स संगठन,विद्युत् मजदूर पंचायत, उप्र बिजली कर्मचारी संघ, विद्युत् मजदूर संगठन, उप्र विद्युत मजदूर संघ, हाइड्रो इलेक्ट्रिक इम्पलॉईस यूनियन,विद्युत् संविदा मजदूर संगठन,बिजली मजदूर संगठन,यूपी बिजली बोर्ड इम्पलॉईस यूनियन ,बिजली मजदूर यूनियन, लेखा कर्मचारी संघ,विद्युत् श्रमिक संघ,कार्यालय सहायक संघ, प्राविधिक कर्मचारी संघ के पदाधिकारी शामिल हुए।

समिति के पदाधिकारी ए के श्रीवास्तव ने बताया कि वेतन पुनरीक्षण और अन्य ज्वलन्त समस्याओं के प्रति ऊर्जा निगमों के उपेक्षापूर्ण रवैय्ये के चलते कर्मचारियों में गुस्सा है। उन्होंने बताया कि 29 जून के सत्याग्रह और 6 जुलाई से होने वाले अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार को सफल बनाने के लिए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश भर में सभाएं कर ली हैं। यदि प्रबंधन ने हठवादी रवैय्या न छोड़ा तो आंदोलन की सारी जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी।

पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा मन्त्री श्रीकान्त शर्मा से अपील की है कि वे प्रभावी हस्तक्षेप करने की कृपा करें जिससे वेतन पुनरीक्षण सहित कर्मचारियों व अभियंताओं को न्याय मिल सके और प्रबन्धन की हठवादिता के चलते प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में अनावश्यक तौर पर हो रही औद्योगिक अशान्ति को टाला जा सके।

गौरतलब है कि केन्द्र एवं राज्य सरकार पिछले साल ही सातवां वेतन पुनरीक्षण कर चुकी है मगर बिजली कर्मियों को अभी तक इससे वंचित रखा जा रहा है, जिससे तमाम कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं में गुस्सा है। संघर्ष समिति की मांग है कि द्विपक्षीय बातचीत से एक जनवरी 2016 से सातवां वेतन पुनरीक्षण किया जाए।

18 फरवरी के पूर्व की तरह सभी संवर्गों को वेतन और समयबद्ध वेतनमान पूर्ववत दिए जाएं। वेतन विसंगतियां दूर की जाएं।14 जनवरी 2000 के बाद सेवा में आए सभी लोगों को पुरानी पेंशन में शामिल किया जाए और संविदा कर्मियों को सीधे विभाग से भुगतान किया जाए। मांगे पूरी न होने पर 6 जुलाई से सभी ऊर्जा निगमों में बेमियादी कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा।


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