लव जिहाद कानून: 104 पूर्व अफसरों का योगी को खुला खत- नफरत की राजनीति का केंद्र बन गया UP
punjabkesari.in Wednesday, Dec 30, 2020 - 12:38 PM (IST)
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देश के 104 रिटायर्ड अफसरों ने खुला खत लिखा है, जिसके माध्यम से यूपी के ताजा हालातों पर चिता जाहिर की गई है। पत्र में लिखा है कि 'उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून 2020' ने प्रदेश को नफरत, विभाजन और कट्टरता की राजनीति का केंद्र बना दिया है। इसके साथ ही योगी सरकार को नसीहत देते हुए अफसरों ने कथित लव जिहाद कानून को रद्द करने की मांग की है।
योगी को फिर से संविधान पढ़ने की सलाह
बता दें कि 29 दिसंबर 2020 को लिखे गए पत्र के विषय में अलग-अलग धर्मों के लोगों के बीच शादी से जुड़े यूपी सरकार के नये कानून को रद्द करने की मांग की गई है। पत्र में लिखा गया है, ''माननीय मुख्यमंत्री जी, हम पूर्व नौकरशाहों का एक समहू हैं, हमारा कोई राजनीतिक कनेक्शन नहीं है, हम आपको एक विषय के बारे में संबोधित कर रहे हैं जो देश की एकता से जुड़ा है।'' अफसरों ने कहा कि जो यूपी अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना था वो अब नफरत की राजनीति का केंद्र बन गया है। पूर्व अफसरों ने योगी को फिर से संविधान पढ़ने की भी सलाह दे डाली।
पूर्व नौकरशाहों ने हाईकोर्ट की टिप्पणी का दिया हवाला
पूर्व नौकरशाहों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए लिखा है कि अगर लड़का और लड़की है और खुद की मर्जी से शादी कर रहे हैं, तो इसमें कहीं से भी कोई अपराध नहीं है। कोर्ट ने पिछले महीने एक ऑर्डर दिया था जिसमें किसी के व्यक्तिगत रिश्तों में दखल देना स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है।
मुरादाबाद में कथित लव जिहाद की घटना का भी जिक्र
पत्र में मुरादाबाद के उस केस का विशेषकर जिक्र किया गया जिसे लव जिहाद बताया गया। जिसमें एक मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की की शादी को मुद्दा बनाकर लड़के के खिलाफ कानूनी कार्रवाई तक की गई। लव जिहाद के नाम पर ये मामला काफी चर्चा में रहा। लेकिन बाद में लड़की ने जब ये कहा कि उसने अपनी मर्जी से शादी की है और वह अपने पति के साथ रहना चाहती है तब कहीं जाकर पुलिस बैकफुट पर आई। पुलिस ने बाद में स्वीकारा कि उन्हें इस मामले में कोई सबूत नहीं मिले हैं। इस मामले में बजरंग दल के लोगों पर बदसलूकी के आरोप भी लगे।
मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं को किया जा रहा परेशान
नौकरशाहों ने अपने पत्र में आगे लिखा कि ऐसे तमाम केस हैं जहां यूपी की पुलिस प्रशासन ने युवाओं पर अत्याचार किए, जो सिर्फ आजादी से अपना जीवन जीना चाहते थे। पत्र में योगी सरकार के धर्म परिवर्तन से जुड़े नये कानून के बारे में कहा गया कि आपके इस कानून का इस्तेमाल ऐसे मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं को परेशान करने के लिए किया गया है जो अपनी च्वाइस की आजादी से जीना चाहते हैं।
यूपी की सरकारी संस्थानों में घुला जहर
पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि पूरी यूपी पुलिस फोर्स को बिना किसी देरी के ट्रेनिंग की जरूरत है ताकि वो नागरिकों के अधिकारों का सम्मान कर सकें। यूपी की सरकारी संस्थानों में जहर घुल गया है। इससे भी बुरी बात ये है कि कानून का पालन कराने वाली आपकी एजेंसी आपकी सरकार की मदद से, तानाशाहों के कार्यकाल की सीक्रेट पुलिस जैसे बर्ताव कर रही हैं।