काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन समारोह में देश के 18 मुख्यमंत्री होंगे शामिल

punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 06:42 PM (IST)

वाराणसी: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन  पीएम मोदी 13 दिसंबर को करेंगे। इसे लेकर कर तैयारियां अपने अंतिम चरण में है।  वहीं 14 दिसंबर  प्रधानमंत्री पीएम मोदी भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्रियों को संबोधित कर उन्हें सामाजिक समरसता, अखंडता का संदेश देंगे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 23 दिसंबर तक तीन बार काशी विश्वनाथ धाम से रूबरू होंगे।  ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि देश के मुख्यमंत्रियों की बैठक किसी मंदिर में हो रही है। बैठक  में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत देश के 18 मुख्यमंत्री मंत्री शामिल होंगे। इस बैठक में भाजपा के सहयोगी भी शामिल होंगे। काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद 17 दिसंबर को प्रस्तावित महापौर सम्मेलन में पीएम मोदी शामिल होंगे। मास पर्यंत चलने वाले भव्य काशी-दिव्य काशी अभियान के तहत इस सम्मेलन में देशभर के प्रमुख शहरों के महापौर धाम के मंदिर चौक पर एकजुट होंगे। यहां प्रधानमंत्री के समक्ष महापौर अपने शहरों में कराए गए हेरिटेज रिज्युवीनेशन (विरासत का जीर्णोद्धार) के लिए किए जा रहे कार्या का प्रस्तुतीकरण भी करेंगे।

बता दें कि  वाराणसी में काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण से पहले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सपा पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार में ''सैकड़ों करोड़ के हज हाउस बनाने वाले काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर को भी अपना काम बता रहे हैं महादेव सब देख रहे हैं । उन्हेंने कहा  अखिलेश भूल गए हैं कि उन्होंने केवल हज हाउस का ही फीता काटा था।'' भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ''मंदिर जाने वालों पर तो सपा सरकार ने गोलियां चलवाई थी, अखिलेश जी! उत्तर प्रदेश की जनता यह भूली नहीं है।'' यादव के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों की तुलना विदेशी आक्रांताओं महमूद गजनवी और मोहम्मद गोरी से करते हुए स्‍वतंत्र देव ने कहा कि उन्होंने भी देश को लूटा था और 2017 से पहले अखिलेश यादव भी ऐसा ही करते आये हैं। उन्‍होंने कहा, '' मंदिरों के घण्टे-घड़ियाल बहती हवा से भी न बज जाएं इसके लिए भी पुलिसकर्मियों का पहरा उत्तर प्रदेश के लोगों ने देखा है।

 उन्होंने कहा कि लोग भूले नहीं हैं कि 2017 के पहले दुर्गा पूजा और रामलीला के पांडाल लगाने के लिए कैसी मिन्नतें करनी पड़ती थी।''जपा नेता ने दावा किया, ''2017 के बाद उप्र में माहौल बदला है, आज कांवड़ यात्रा पर फूल बरसाए जाते हैं, कुम्भ की प्रशंसा दुनिया करती है, अयोध्या में रामलला भव्य मंदिर में विराजित होने वाले हैं, दीपोत्सव, देव दीपावली, होली और कृष्ण जन्मोत्सव के भव्य आयोजन उप्र की पहचान है।'' सिंह ने कहा, ''अखिलेश जी को बाबा विश्वनाथ और रामलला के दरबार में जाकर माफी मांगनी चाहिए क्योंकि समाजवादी सरकार ने कारसेवकों पर अत्याचार किया तथा हिन्दू संस्कृति और सनातन पंथ पर हमला किया। इस पर प्रायश्चित करना चाहिए। उन्हें गुंडाराज, महिला हिंसा, भ्रष्टाचार को सरकारी संरक्षण दिए जाने के कृत्यों पर भी बाबा विश्वनाथ से माफी मांगनी 


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Ramkesh

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