काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में तैनात पुलिसकर्मियों के ड्रेस में बदलाव, पुजारियों की वेशभूषा में तैनात रहेंगे सिपाही

punjabkesari.in Thursday, Apr 11, 2024 - 08:49 PM (IST)

वाराणसी: भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में तैनात सिपाहियों के ड्रेस में बदलाव कर दिया है। यहां श्रद्धालुओं के बीच खड़े पुलिस वाले अब पुजारियों की वेशभूषा में दिखाई देंगे। इन सुरक्षाकर्मियों के गले में रुद्राक्ष, माथे पर त्रिपुंड और गेरुआ कपड़े होंगे। उनका काम भगवान के रूप की तरफ इशारा करना होगा, जिससे कोई भी भक्त भोलेनाथ का दर्शन करने से वंचित न रहने पाए।

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ड्यूटी से पूर्व तीन दिनों की विशेष ट्रेनिंग 
पुलिस आयुक्त ने बताया काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुरुष और महिला जवानों को प्रत्येक पुलिसकर्मी को ड्यूटी से पूर्व तीन दिनों की विशेष ट्रेनिंग दी जाए। वहां सुरक्षा ड्यूटी में लगे पुरुष और महिला जवानों से रूबरू हुए। सुरक्षाकर्मियों से उनकी ड्यूटी के बारे में जानकारी की। उन्होंने कहा कि काशी के महत्वपूर्ण स्थल, घाट आदि के बारे में जानकारी दी जाए, जिससे श्रद्धालुओं किसी जिज्ञासा जरूरत पड़ने पर शांत कर सके। तीन दिनों की ट्रेनिंग में ही पुलिस कर्मियों को व्यवहार कुशलता को लेकर भी प्रशिक्षित किया जाए।

श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन करना पुलिसकर्मियों का मुख्य उद्देश्य
उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन करना ही ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का मुख्य उद्देश्य है, यह बात सभी पुलिस कर्मियों को अच्छे से बताई जाए। गर्भगृह में तैनात पुजारी वेश में पुलिसकर्मी ही भीड़ नियंत्रण करेंगे, जबकि एक अन्य महिला, पुरुष पुलिस उनकी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि वीवीआइपी के आगमन पर प्रायः पुलिस कर्मी सामान्य श्रद्धालुओं को धक्का मारकर हटाते हैं, जो आगे नहीं होना चाहिए।

काशी विश्वनाथ मंदिर का जानिए इतिहास
काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भारत के उत्तर प्रदेश के प्राचीन शहर बनारस के विश्वनाथ गली में स्थित है। यह हिंदुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है और भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। यह मंदिर पिछले कई हजारों सालों से पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। मंदिर के मुख्य देवता को श्री विश्वनाथ और विश्वेश्वर के नाम से जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ब्रह्मांड के भगवान। ऐसा माना जाता है कि एक बार इस मंदिर के दर्शन करने और पवित्र गंगा में स्‍नान कर लेने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। वाराणसी को प्राचीन काल में काशी कहा जाता था, और इसलिए इस मंदिर को लोकप्रिय रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर कहा जाता है। मंदिर को हिंदू शास्त्रों द्वारा शैव संस्कृति में पूजा का एक केंद्रीय हिस्सा माना जाता है।


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Content Writer

Ramkesh

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