5 घंटे में दूसरी मीटिंग, राम जन्मभूमि घोटाले के आरोपों से घिरे ट्रस्ट ने अयोध्या में फिर शुरू की बैठ

punjabkesari.in Monday, Jun 14, 2021 - 08:33 PM (IST)

अयोध्याः  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में नृपेंद्र मिश्र, चंपत राय और अन्य सदस्य शामिल हुए हैं। राम नगरी में राम मंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीनों में घोटाले के आरोपों के बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की एक के बाद एक बैठकें हो रही हैं। 5 घंटे के अंदर ट्रस्ट ने दूसरी बड़ी बैठक शुरू कर दी है। इससे पहले 10 बजे से एक बजे तक ट्रस्ट के सदस्यों ने घोटाले के आरोपों और मंदिर निर्माण कार्यों को लेकर बातचीत की है।सर्किट हाउस में चल रही इस बैठक के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सचिव रहे नृपेंद्र मिश्र, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय समेत अन्य कई सदस्य पहुंच गए हैं।

बताया जा रहा है कि इसमें भी घोटाले के आरोपों को लेकर चर्चा हो सकती है, वहीं मीडिया से बचते दिखे चंपत राय सुबह पहली सत्र की बैठक के बाद बाहर निकले मगर उन्होंने मीडिया से बातचीत करने से साफ मना कर दिया। सर्किट हाउस से बाहर आते ही वह अपनी कार में बैठकर बाहर निकल गए। इसके पहले रविवार की देर रात उन्होंने बयान जारी कर सारे आरोपों को खारिज कर दिया था। उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश ठहराया।

चंपत राय ने कहा है कि मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीनें बाजार से बहुत कम रेट पर ली जा रही हैं। अब तक मंदिर के लिए खर्च हुए एक-एक पैसे का हिसाब रिकॉर्ड पर है। पहले दिन मंदिर निर्माण को लेकर हुई चर्चा, ट्रस्ट की ये बैठक दो दिन की है। इसके पहले रविवार को हुई बैठक में तय हुआ कि राम नगरी में राम मंदिर के निर्माण के लिए नींव का काम अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से पत्थर मंगाने पर सहमति बनी। बताया गया कि पत्थर लाने में राजस्थान सरकार भी मदद कर रही है। मंदिर के चबूतरे और शिखर में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थरों का प्रयोग होगा। इसमें एक लाख घन फीट पत्थर तराशे जा चुके हैं। रामजन्मभूमि परिसर में 60 प्रतिशत तक पत्थरों को पहुंचाया जा चुका है। बाकी के पत्थर अभी आने हैं। बता दें कि अभी तक राजस्थान में खदान पर रोक लगी थी। राजस्थान सरकार से बातचीत के बाद अब सहमति बनी गई है। मंदिर के लिए 31 मार्च तक 3200 करोड़ रुपए आया 11 नवंबर के बाद पूरी दुनिया में चंदा जुटाने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाया गया।अभियान के तहत 5,37,000 लोगों ने 11 करोड़ लोगों से संपर्क किया था। उन्होंने बताया कि एक महीने में रामलला के दानपात्र अर्थात हुंडी में 60 लाख का दान आया। 


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Content Writer

Moulshree Tripathi

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