218 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापितः CM ने कहा- अपराधी के मन में भय होना जरूरी

punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2019 - 06:37 PM (IST)

लखनऊः अदालत की सुस्त काम से न्याय को लेकर सामान्य जनता हताश होकर लगभग हार मान जाती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य में 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने जा रही है। मौका था गोमती नगर स्थित पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार को साइबर क्राइम और महिला-बाल अपराध विवेचना कार्यशाला का जहां CM ने बताया कि फॉरेंसिक विश्विविद्यालय भी स्थापित किया जाएगा।

बता दें कि साइबर अपराध को लेकर हर रेंज स्तर पर 1-1 साइबर थाना और फॉरेंसिक सेंटर खोलेंगे। CM ने बताया कि 2 साल पहले मैंने यह पता लगाने के लिए एक समिति बनाई थी कि क्या महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों की भी समयबद्ध जांच हो रही है। जांच में सामने आया कि समन्वय की कमी है। अगर अभियोजन समय पर किया जाता है तो आरोपी को जल्द ही सजा हो सकती है। दोषी अपराधियों को सजा दिलवाने में विवेचना-अभियोजन के बीच तालमेल बेहतर होना चाहिए। अपराध बढ़ने पर कानून को भी सख्त होना होगा। 

सीएम ने आगे कहा कि अंतर विभागीय समन्वय से दोषियों के खिलाफ बेहतर कार्रवाई हो सकती है। जिला जज के साथ डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट बैठकर पॉस्को के मामले की वरीयता तय करें। इससे एक अपराधी को समय से दंड दिलवा सकते हैं। मुकदमों में देरी होने पर गवाह के मुकरने से लेकर पीड़ित तक निराश हो जाता है। तत्काल सजा होने पर बड़े पैमाने पर एक सकारात्मक संदेश जाता है। अपराधी के मन में भय होना जरूरी है। वरना वह कानून का सम्मान नहीं करेगा। विवेचना को सही और समय के साथ आगे ले जाना चाहिए। कोई बेगुनाह न फंसे, लेकिन कोई अपराधी भी न बच पाए।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि अभियोजन को लेकर मॉनिटरिंग लगातार की जा रही है। पॉस्को के केसों की लगातार सुनवाई की जा रही है। ई-प्रणाली लागू करने के लिए टैब-लैपटॉप दिए जा रहे हैं। मामलों को देखते हुए ई-कोर्ट शुरू की गई है। उन्होंने कहा- 40 वर्ष बाद पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में भाग लिया है।

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा- पॉस्को मामले में 13 जनपदों में गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया गया। औरैया में 28, झांसी 81 में दिनों में पॉस्को मामले में सजा दिलवाई गई है। अपर पुलिस महानिदेशक अभियोजन आशुतोष पांडेय ने कहा- इस कार्यशाला में प्रदेश भर से आए अपर पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारियों को साइबर क्राइम, ई-मेल, सोशल मीडिया का अन्वेषण, क्रेडिट-डेबिट कार्ड का फ्रॉड रोकने पर जानकारी मिलेगी। डिजिटल फॉरेंसिक साक्ष्यों के संकलन, सर्च और सीजर की प्रक्रिया कैसे हो इस पर भी दी जानकारी दी जाएगी। 


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Tamanna Bhardwaj

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