बॉयफ्रेंड को सबक सिखाने के लिए दर्ज कराया रेप का फर्जी केस, अदालत ने प्रेमिका को सुनाई 3 साल 6 महीने की सजा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 01:25 PM (IST)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मोहनलालगंज कोतवाली में दर्ज एक फर्जी बलात्कार मामले में अदालत ने अहम फैसला सुनाते हुए प्रेमिका को 3 साल 6 महीने की सजा और 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। अदालत ने अपने विस्तृत आदेश में कहा कि यह मामला न केवल झूठे आरोप का है, बल्कि SC-ST एक्ट के दुरुपयोग का स्पष्ट उदाहरण भी है।

कोर्ट ने मामले को माना मनगढ़ंत
प्रकरण के अनुसार, पीड़िता द्वारा अपने पूर्व प्रेमी पर मोहनलालगंज कोतवाली में बलात्कार का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया गया था। लेकिन लंबी जांच के दौरान पुलिस तथा अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत किए गए तथ्यों और साक्ष्यों से यह साबित हुआ कि यह पूरा मामला मनगढ़ंत था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि झूठे मुकदमे दर्ज करने की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ रही है, जिससे वास्तविक पीड़ितों को न्याय पाना कठिन हो जाता है और न्याय व्यवस्था पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।

SC-ST एक्ट का दुरुपयोग करना अपराध
कोर्ट ने टिप्पणी की कि कानून समाज की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने का माध्यम है, लेकिन जब इसका दुरुपयोग किया जाता है तो यह न्याय के उद्देश्य के विपरीत हो जाता है। अदालत ने कहा कि SC-ST एक्ट एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण कानून है, जिसका इस्तेमाल गलत तरीके से करना एक गंभीर अपराध माना जाना चाहिए।

बदले की भावना से दर्ज कराया गया था केस - न्यायालय
सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत में बताया कि आरोप साबित करने के लिए प्रस्तुत किए गए सभी प्रमाण असंगत और संदिग्ध मिले। वहीं बचाव पक्ष ने भी यह तर्क दिया कि मुकदमा व्यक्तिगत द्वेषवश दायर किया गया था। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आरोपी रिंकी को दोषी करार दिया और सजा सुनाने के बाद तुरंत हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया।

प्रेमिका को अदालत ने भेजा जेल
अदालत के आदेश के बाद मामले में एक बार फिर यह संदेश गया है कि कानून का दुरुपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी, ताकि असली पीड़ितों का भरोसा न्याय व्यवस्था पर कायम रहे।
 


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Content Writer

Ramkesh

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