हैलट अस्पताल की सनसनीखेज लापरवाही: बेड नंबर 42 का मरीज मर गया, पोस्टमार्टम 43 नंबर वाले का! डॉक्टर सहित 3 सस्पेंड

punjabkesari.in Tuesday, Dec 30, 2025 - 07:37 AM (IST)

Kanpur News: कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज स्थित हैलट अस्पताल में एक चौंकाने वाली और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां वार्ड नंबर 12 के बेड नंबर 43 पर भर्ती मरीज विनोद कुमार को जिंदा रहते हुए ही मृत घोषित कर दिया गया और उसकी पोस्टमार्टम की सूचना पुलिस को भेज दी गई। यह गलती ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और अस्पताल स्टाफ की जल्दबाजी और लापरवाही के कारण हुई। मामले की जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना का संज्ञान लिया और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

तीन कर्मचारी तत्काल सस्पेंड
डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जूनियर डॉक्टर हिमांशु मौर्य, नर्सिंग स्टाफ सनी सोनकर, वार्ड आया रहनुमा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

बगल के बेड पर हुई थी मरीज की मौत
प्राचार्य डॉ. संजय काला ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि विनोद कुमार के बगल वाले बेड नंबर 42 पर एक अज्ञात मरीज भर्ती था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उसी मरीज की मौत से जुड़ी फाइल और कागजी कार्रवाई की जा रही थी। इसी दौरान किसी दूसरे मरीज को हार्ट अटैक आने की सूचना मिली, जिससे वार्ड में अफरा-तफरी मच गई। इसी आपाधापी और जल्दबाजी में डॉक्टर ने मृत मरीज के बजाय जीवित मरीज विनोद कुमार की पोस्टमार्टम सूचना (PI) पुलिस को भेज दी।

जांच के लिए बनाई गई कमेटी
इस गंभीर लापरवाही को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। प्रमुख अधीक्षक की अध्यक्षता में यह टीम पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच करेगी। प्राचार्य ने साफ कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद यदि और भी लोग दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल
हैलट अस्पताल की इस बड़ी गलती ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और मरीजों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल मरीज विनोद कुमार सुरक्षित है, लेकिन यह घटना अस्पताल व्यवस्था में सुधार की जरूरत को उजागर करती है।


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Content Editor

Anil Kapoor

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