OMG! ट्विन टावर गिराने से पहले आखिरी समय में अपार्टमेंट में सोता मिला एक शख्स, उसे बाहर निकाला गया
punjabkesari.in Sunday, Aug 28, 2022 - 10:26 PM (IST)

नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा में एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के सदस्यों वाले एक ‘विशेष कार्यबल' ने समय से सभी लोगों को वहां से बाहर निकाल लिया था। लेकिन ट्विन टावर गिराये जाने से चंद घंटे पहले कोर टीम तब बिल्कुल घबराकर हरकत में आ गयी जब एक चौकस गार्ड ने घर खाली करने की समयसीमा बीत जाने के बाद भी एक व्यक्ति को उसके अपार्टमेंट में सोए होने की सूचना दी। आनन-फानन में सुरक्षाकर्मियों ने उस व्यक्ति को जगाया और समय रहते उसे उसके घर से बाहर निकाला।
एक रेसिडेंट एसोसिएशन सुपरटेक द्वारा अवैध रूप से बनाये गये ट्विन टावर को लेकर अदालत गयी थी, उसके नौ साल बाद आज नियंत्रित विस्फोटों के जरिये उन्हें ढहा दिया गया। ‘एपेक्स' (32 मंजिल) और ‘सियान' (29 मंजिल) टावर चंद सेंकेंड में जमींदोज हो गये। दोनों टावर को ढहाने की पूरी योजना बहुत बारीकी से तैयार की गयी थी। देश में अबतक की यह इस प्रकार की सबसे बड़ा कवायद थी। सोसाइटी के बाशिंदे शुक्रवार से ही बाहर जाने लगे थे। जिन्हें नोएडा से कहीं बाहर जाना था वे पहले ही चले गये थे और जिनकी कहीं आसपास ठहरने की योजना थी, उन्होंने रविवार सुबह तक इंतजार किया। इसी सोसाइटी में ये दोनों अवैध टावर हैं।
नोएडा में सुपरटेक के इन ट्विन टावर को रविवार को ढहा दिया गया। उच्चतम न्यायालय ने अवैध रूप से बनाये गये इन टावर को गिरा देने का आदेश एक साल पहले दिया था। एमराल्ड कोर्ट में 15 आवासीय टावर हैं और हर टावर में 44 अपार्टमेंट हैं। इसमें लगभग 2500 निवासी एवं 1200 वाहन हैं। विशेष कार्यबल में सात सदस्य थे, जो सोसाइटी के ही निवासी हैं। इस एसटीएफ के अलावा सोसाइटी में हर टावर के लिए एक कप्तान भी है। सुबह सात बजे बच्चों एवं बुजुर्गों समेत लगभग सभी लोग सोसाइटी के विशेष कार्यबल के सुनियोजित प्रयास के तहत 15 आवासीय टावर को खाली कर चुके थे। एमराल्ड कोर्ट के गौरव मेहरोत्रा ने कार्यबल का नेतृत्व किया।
हालांकि सुबह सात बजे से ठीक कुछ देर पहले एक सुरक्षागार्ड ने विशेष कार्यबल को एक टावर की ऊपरी मंजिल पर एक व्यक्ति के रह जाने की सूचना दी। विशेष कार्यबल के सदस्य नरेश केशवानी ने कहा, ‘‘टावर खाली कराने की हमारी दोहरी पुष्टीकरण प्रक्रिया के चलते हमें इसके बारे में पता चला। जानकारी सामने आयी कि एक को छोड़कर सभी लोग टावर से चले गये। यह भी पता चला कि यह व्यक्ति अपार्टमेंट में गहरी नींद में सो रहा था और टावर खाली करने की समय सीमा की बात उसके दिमाग से निकल गयी थी।''
केशवानी ने कहा, ‘‘किसी तरह सुरक्षाकर्मियों ने उसे जगाया और उसे महज सात बजे के आसपास टावर से बाहर लाया गया।'' उन्होंने कहा कि विशेष कार्यबल ने एक महीने तक चिंतन-मनन किया और उसने दोहरी पुष्टीकरण प्रक्रिया बनायी। उन्होंने कहा, ‘‘इसी दोहरी पुष्टीकरण प्रक्रिया के चलते ऐसा हो सका कि सो रहे व्यक्ति की पहचान हो पायी और उसे सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।''