जेल में बंद रेप के आरोपी BSP सांसद ने बताया जान का खतरा, शपथ के लिए अदालत से लगाई गुहार

punjabkesari.in Friday, Jun 28, 2019 - 08:35 AM (IST)

वाराणसी: उत्तर प्रदेश में घोसी से बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नवनिर्वाचित सांसद अतुल कुमार सिंह उर्फ अतुल राय ने जेल में अपनी जान को खतरे की आशंका व्यक्त करते हुए उचित सुरक्षा एवं संसद में शपथ ग्रहण कराने के लिए दिल्ली भेजने की गुजारिश अदालत से की है। दुष्कर्म के आरोप में न्यायिक हिरासत में गत 22 जून से जेल में बंद राय ने अपने वकील अनुज यादव के माध्यम से न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) आशुतोष तिवारी की आदलत में दो आवेदन दाखिल किए हैं।

यादव के अनुसार, एक आवेदन में उनकी सुरक्षा और दूसरे में संसद के तौर पर शपथ को लेकर गुजारिश की गई है। उन्होंने बताया कि राय के दोनों आवेदनों पर अदालत शुक्रवार को सुनवाई कर कोई आदेश दे सकती है। आरोपी नवनिर्वाचित सांसद ने जेल में हुई पूर्व की एक घटना का जिक्र करते हुए अपने भोजन में जहर मिलाकर मारने की आशंका व्यक्त करते हुए घर का खाना खाने की अनुमति के साथ ही सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। आवेदन में कहा है कि संसद निर्वाचित होने के बाद से वह जेल में बंद हैं और इसी कारण अब तक सांसद के तौर पर शपथ ग्रहण नहीं कर पाए हैं। इसके लिए उचित जादेश जारी किया जाए। संसद का सत्र 17 जून को शुरु हुआ था और 26 जुलाई तक चलेगा।

अतुल राय के घोसी लोक सभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद एक युवती की शिकायत पर वाराणसी के लंका थाने में गत 1 मई को उनके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। 19 मई को आम चुनाव हुए तथा 23 मई घोषित परिणाम में अतुल राय को निर्वाचित घोषित किया गया था। लेकिन प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से फरार अतुल राय ने गत 22 जून को अतदाल में आत्मसमर्पण किया था। पुलिस के अनुसार, आरोप है कि राजनीति के क्षेत्र में मदद करने का प्रलोभन देकर अतुल राय ने युवती को अपने जाल में फंसाया और फिर कई माह तक ‘ब्लैकमेल' कर यौन शोषण किया। वर्ष 2018 में मार्च से नवम्बर के दौरान उनके साथ कई बार दुष्कर्म किए गए। विरोध करने पर ‘बुरा अंजाम भुगतने' की धमकियां दी गईं।

उल्लेखनीय है कि अतुल राय ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। इसके बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। अंतिम चरण में इस वर्ष 19 मई को होने वाले चुनाव से पहले वह सार्वजनिक तौर पर अपना प्रचार करते कभी नहीं देखे गए, लेकिन 23 मई को जब परिणाम घोषित किए गए तो वह 1,22,568 मतों के भारी अंतर से विजयी घोषित किए गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी एवं तत्कालीन सांसद हरि नारायण राजभर को पराजित किया था। बसपा-समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन प्रत्याशी अतुल राय को 5,73,829 मत मिले, जबकि राजभर को 4,51,261 मतदाताओं का समर्थन मिला था। वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर राजभर ने यहां 1,46,015 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी।


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