रायबरेली में अभिवक्ताओं ने पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में किया प्रदर्शन, लगाए नारे
punjabkesari.in Wednesday, Aug 30, 2023 - 05:45 PM (IST)

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के रायबरेली की अदालतों में हापुड़ में हुए वकीलों पर पुलिस लाठीचार्ज और लालगंज और सलोन इलाकों के ग्रामीण न्यायालयों के गठन के बाद हुई अनियमितता को लेकर यहां के अधिवक्ताओं ने आरपार की लड़ाई में बुधवार को हड़ताल करते हुए नारे लगाए और अपना विरोध प्रकट किया। जिला अदालत में अधिवक्ताओं के विरोध का आज तीसरा दिन है। मंगलवार को हापुड़ में पुलिस के द्वारा हुए बर्बर लाठीचार्ज और ग्राम न्यायालयों के गठन के पश्चात पत्रावलियों के स्थानांतरण को लेकर यहां के अधिवक्ताओं ने आज हड़ताल करते हुए जम कर नारेबाजी की। जिला न्यायालय की सेंट्रल बार एसोसिएशन से मिली जानकारी के अनुसार हापुड़ में हुए पुलिस के लाठीचार्ज से अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है।
बार काउंसिल उत्तर प्रदेश ने भी किया था हड़ताल का आह्वान
इस सम्बंध में बार काउंसिल उत्तर प्रदेश ने भी हड़ताल का आह्वान किया था। बार काउंसिल की मांग है कि प्रदेश सरकार दो दिन में हापुड़ के जिलाधिकारी पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी का स्थानांतरण करे और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करें। लाठीचार्ज में तमाम महिला पुरुष अधिवक्ताओं को गंभीर चोटें आई है। जिले के आंदोलित अधिवक्ताओं ने हापुड़ की घटना के विरोध में हड़ताल करते हुए जमकर नारेबाजी की। दूसरी ओर रायबरेली की जिला अदालत में गत सोमवार से ही ग्राम न्यायालयों के तहसील में गठन के बाद अन्य मुद्दों को लेकर पहले ही जिले की सबसे बड़ी बार एसोसिएशन सेंट्रल बार के आह्वान पर वकील न्यायिक कार्य का बहिष्कार किये हुए है।
हड़ताल का आज तीसरा दिन...
सेंट्रल बार एसोसिएशन ने एक बड़ी बैठक सोमवार को आहूत की थी जिसमे तमाम अधिवक्ता गण हाजि़र हुए थे। इस बैठक में लालगंज और सलोन न्यायालयों के गठन के पश्चात पत्रावलियों के स्थांतरण पर हो रही अनियमितता पर भी चर्चा की गयी थी। इसके बाद सोमवार से अधिवक्ता गण ने न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर दिया था। बैठक के लिए सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से जारी पत्र में कहा गया था कि सलोन और लालगंज में शासन द्वारा स्थापित किये ग्राम न्यायालयों में मनमाने ढंग से लंबित मामलों की पत्रावलियों को स्थानांतरित किया जा रहा है जिससे वादकारियों और अधिवक्ताओं को अत्यंत असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस आशय की प्रति वकीलों के संगठन ने उच्च अधिकारियों को भेज दी थी। अगर देखा जाए तो कल हापुड़ की घटना समेत ग्राम न्यायालय के गठन आदि के पश्चात कई मुद्दों को लेकर हुई अधिवक्ता गण की हड़ताल का आज बुधवार को तीसरा दिन था।
बता दें कि ग्राम न्यायालय के गठन के पश्चात पत्रावलियों के स्थानांतरण को लेकर अधिवक्ता गण ने एक संघर्ष समिति का भी गठन किया है। ग्राम न्यायालयों के गठन के मामले पर कुछ अधिवक्ताओं का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अदालतों के गठन से वादकारियों को उनके मन के मुताबिक अधिवक्ता के चयन में तो कठिनाई का सामना करना ही पड़ेगा साथ ही लंबित पत्रावलियों के जल्द निस्तारण में भी कठिनाई होगी। क्योंकि पहले एक ही स्थान पर सभी तरह के मामले अधिवक्तागण आसानी से कर लेते थे। उन्होंने कहा कि रायबरेली से सलोन और लालगंज की दूरी लगभग 30 किलोमीटर की है तथा सलोन और लालगंज के मध्य मे रायबरेली जिला अदालत पड़ती ऐसे में आने जाने में ही समय व्यर्थ होगा और कोई जरूरी नही है कि वादकारी भी इन्ही इलाकों में रहता हो। अधिवक्ताओं का आरोप है कि इन हालातों में तथा पत्रावलियों के मनमाने ढंग से स्थानांतरण आदि से भी न्याय की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चल पाने की संभावना कम दिखाई देती है। इधर हापुड़ में हुए लाठीचार्ज ने आग में घी का काम करते हुए अधिवक्ताओं को बुरी तरह से आंदोलित कर दिया है जिसके कारण अधिवक्ता गण में भारी रोष व्याप्त हैं।