लॉकडाउन के बाद भारत में पूरी तरह से सुरक्षित होगा हवाई सफरः एविएशन एक्सपर्ट

punjabkesari.in Saturday, May 23, 2020 - 05:27 PM (IST)

यूपी डेस्कः कराची में हुए विमान हादसे के बाद भारत के लोगों में भी फ्लाइट शुरू होने पर हादसे का डर सता रहा है। लोगों को लग रहा है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि लॉकडाउन के बाद जब हवाई सफर शुरू होगा तब किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो जाए। इस मुद्दे पर पंजाब केसरी संवाददाता अविरल सिंह ने इंडियन एयरलाइन के फॉर्मर फ्लाइट सेफ्टी डॉयरेक्टर एस.एस पनेसर से बातचीत की, उन्होंने बताया कि भारत के लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।
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प्रश्न : कराची में हुए हादसे से इंडियन एवियशन को क्या सीख लेनी चाहिए, क्यों कि विमान काफी समय से खड़े हैं ?
पनेसर का जवाब:
सबसे पहले हमें यह देखना होगा की पाकिस्तान में क्या हुआ ? जब जहाज लैंडिग के लिए आ रहा था तब उसका एक इंजन फेल हो गया, इसकी जानकारी जहाज के पॉयलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को दिया। कुछ देर बाद एयर बस 320 का दूसरा इंजन भी फेल हो गया। दोनों इंजन फेल होने से जहाज हाइट मेंटेंन नहीं कर सका। इसके बाद कैप्टन पनेसर  ने बताया कि वो काफी बार कराची एयरपोर्ट पर लैंडिग की है, वहां अगल बगल कोई इतनी बड़ी बिल्डिंग नहीं है। कराची एयरपोर्ट के आस पास अधिकरत सिंगल स्टोरी या डबल स्टोरी की बिल्डिंग है। इंजन फेल होने के बाद जहाज ने हाइट मेंटेंन नहीं कर पाया और क्रैश कर गया।

हर रोज होती है जहाज की पूरी जांच
भारत में किसी भी जहाज को नहीं है कोई दिक्कत,क्यों कि जितने भी जहाज होते हैं, सभी की सर्विसिंग हर रोज होती है, चाहे वो जहाज ग्राउंड पर चले या न चले। इंजिनयर और पॉयलट इंजन स्टार्ट करके जहाज के सारे सिस्टम चेक करके डेली इंस्पेक्शन रिपोर्ट पर दस्तखत करते हैं। इंजिनियर सर्टिफाई करते हैं कि जहाज के सभी सिस्टम, सभी इंजन पूरी तरह से फिट हैं, इंजिनियर के सर्टिफाई करने के बाद ही जहाज का पॉयलट जहाज के एक्सेप्ट करता है और दोनों रिपोर्ट पर दस्तखत करते हैं, इसके बाद जहाज को टेक ऑफ किया जाता है।

फ्लाइट एक्सपर्ट पनेसर ने बताया कि टेक ऑफ करने के बाद पॉयलट जहाज को रनवे पर टैक्सिंग करता है, इस दौरान अगर पॉयलट को कोई गड़बड़ी नजर आती है तो वह टेक ऑफ को कैंसिल कर सकता है। अगर सब सही रहता है तो जहाज टेक ऑफ करता है। इसलिए किसी को घबड़ाने की जरूरत नहीं है, जहाज खड़ा भी रहे तो कोई दिक्कत नहीं होता।

कराची में मौसम था बिल्कुल साफ
फॉर्मर एविएशन एक्सपर्ट पनेसर ने बताया कि कराची में मौसम बिल्कुल साफ था, इंजन फेल होने के बाद पॉयलट क्यों एयर ट्रैफिक कंट्रोल से बात नहीं कर सका इसकी जांच की जानी चाहिए। इसके लिए वाइस रिकॉर्डर जिसमें पिछले 45 मिनट की बातचीत रिकॉर्ड होती है उससे जहाज के खराब होने की जानकारी मिल जाएगी। दूसरा है डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर ( ब्लैक बॉक्स ), इसमें इंजन समेत पूरे जहाज की 1-1 सेकेंड की गतिविधियां रिकॉर्ड होती हैं। यह दोनों डाटा मिलने के बाद जहाज के क्रैश होने की पूरी जानकारी मिल पाएगी।

प्रश्न : भारत में एविएशन शुरू करने से पहले क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए , क्यों कि लोगों के मन में कई सारे वहम होते हैं ?
एक्सपर्ट :
कई सारे लोगों को लगता है कि जहाज खड़े –खड़े खराब न हो जाए, या उसके इंजन जाम हो न जाएं। इसके लिए सभी लोगों को जान लेना चाहिए कि जहाज को जब भी फ्लाइट के लिए रिलीज करते हैं, उसमें एयर क्राफ्ट के इंजन के इंजिनियर अलग होते हैं, कम्यूटर एवियानिक सिस्टम के इंजिनियर अलग होते हैं। सभी इंजिनियर मिलकर जहाज के सारे सिस्टम को चेक करते हैं, जब सब कुछ फिट मिलता है तभी जहाज को फ्लाइट के लिए भेजा जाता है। इंजिनियर तीन प्रकार के होते हैं, इंजन के इंजिनयर, एयर फ्लेम के इंजिनियर, तीसरा एवियानिक के इंजिनियर। सभी इंजिनियर जहाज को पूरी तरीके चेक करने के बाद एक रिपोर्ट पर दस्तखत करते हैं, इसके बाद उस रिपोर्ट पर फाइनल दस्तखत पॉयलट करता है। इसलिए जो भी जहाज उड़ती है वो 4 प्रकार के चेकिंग सिस्टम से होकर गुजरता है इसलिए किसी को घबराने की जरूरत नहीं है।     


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Tamanna Bhardwaj

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