विहिप के नए अध्यक्ष बने आलोक कुमार, बजरंग लाल बागड़ा बने महामंत्री
punjabkesari.in Tuesday, Feb 27, 2024 - 12:26 PM (IST)

अयोध्या: विश्व हिंदू परिषद की प्रन्यासी मण्डल की बैठक में वर्तमान कार्याध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार विहिप के अध्यक्ष तथा चार्टेड एकाउंटेंट बजरंग लाल बागड़ा विहिप के नए महामंत्री निर्वाचित हुए हैं। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मौजूदा महामंत्री मिलिंद परांडे अब विहिप के नए संगठन महामंत्री तथा विनायक राव देशपांडे सह संगठन महामंत्री बनाए गए हैं।
बंसल के अनुसार नयी कार्य कारिणी की विस्तृत जानकारी एक दो दिन में घोषित होने की संभावना है। प्रन्यासी मण्डल की बैठक में विगत दिनों दिवंगत हुए विहिप कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि संबंधी प्रस्ताव के अलावा दो अन्य प्रस्ताव भी पारित किये गये। दूसरा प्रस्ताव शत प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करने तथा तीसरा प्रस्ताव -‘श्री राम मंदिर के निर्माण: अब राम राज्य की ओर'है।
विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि विहिप के वर्तमान कार्याध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार विहिप के अध्यक्ष और बजरंग लाल बागड़ा नए महामंत्री निर्वाचित हुए हैं। मिलिंद परांडे अब विहिप के नए संगठन महामंत्री और विनायक राव देशपांडे सह संगठन महामंत्री बनाए गए हैं। अयोध्या के कारसेवकपुरम् में विहिप की तीन दिवसीय बैठक चल रही है। जो सताईस फरवरी को भी जारी रहेगी।
विहिप की केंद्रीय प्रबंध समिति एवं प्रन्यासी मंडल की बैठक में तीन प्रस्ताव पारित कर उन पर प्रभावी कार्ययोजना बनाकर काम करने का निर्णय लिया गया। बैठक में पहला प्रस्ताव शोक संदेश को लेकर रहा, जबकि दो अन्य महत्वपूर्ण प्रस्तावों को विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष कामेश्वर चौपाल और जीवेश्वर मिश्रा ने पेश किए। जो राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद राम राज्य की ओर और चुनाव में राष्ट्रवादी एवं हिंदू हित की सरकार बनाने को लेकर रहा है।
आलोक कुमार ने कहा है कि राम मंदिर का निर्माण लंबे संघर्ष के बाद पूरा होने पर खुशी का माहौल है। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को अपेक्षा से ज्यादा 55 देशों में 7 लाख मंदिरों में जमा होकर 9 करोड़ लोगों ने देखा और इसे महोत्सव के रूप सामूहिक तौर पर मनाया। उस दुर्लभ क्षण पर सबकी आंखें खुशी से नम थीं। आलोक कुमार ने कहा कि महिलाओं को बराबरी का दर्जा मिले और उनकी गरिमा की रक्षा की जाए। शादी के बाद बिना ठोस कारण के तलाक न हो।