गजब! सफाई कर्मचारी बना करोड़पति, काली कमाई से 9 लग्जरी गाड़ियों का बना मालिक

punjabkesari.in Thursday, Aug 15, 2024 - 07:31 PM (IST)

गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक सफाई कर्मचारी भ्रष्टाचार कर अकूत सम्पत्ति बना डाली है, जब मामला उजागर हुआ तो अधिकारियों के होश उड़ गए। आनन- फानन में आरोपी सफाई कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है। दरअसल, जिले में नियमों को दरकिनार कर सफाई कर्मचारी संतोष कुमार जायसवाल को नगर पालिका परिषद में तैनात करने के बाद पहले कमिश्नर कार्यालय में नाजिर के पद पर नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए संतोष जायसवाल ने सरकारी फाइलों में हेराफेरी करके करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की और 9 लग्जरी गाड़ियों का मालिक बन गया।

जानिए पूरा मामला
दरअसल, तत्कालीन कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा को शिकायत मिली थी कि संतोष कुमार जायसवाल के सफाई कर्मचारी के द्वारा सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर करोड़ों की संपत्ति बना ली है। उसके बाद उन्होंने शिकायत के अधार पर जांच कराई तो आरोप सही पाए उसके उसे निलंबित कर दिया। नगर कोतवाली में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया और उनकी संपत्तियों की जांच के लिए सदर तहसीलदार देवेंद्र यादव को निर्देशित किया गया।

9 लग्जरी गाड़ियों का मालिक है सफाई कर्मचारी
कमिश्नर देवीपाटन मंडल योगेश्वर राम मिश्रा के आदेश पर सदर तहसीलदार द्वारा सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र लिखकर संतोष जायसवाल की लग्जरी गाड़ियों के बारे में जानकारी मांगी गई। वर्तमान कमिश्नर शशि भूषण लाल सुशील ने भी चार्ज लेने के बाद वाहनों की जांच का आदेश दिया। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि संतोष कुमार जायसवाल के नाम पर एक नहीं, बल्कि 9 लग्जरी गाड़ियां आरोपी के नाम मिली है। इनमें एक स्विफ्ट डिजायर, एक अर्टिगा मारुति सुजुकी, एक महिंद्रा स्कॉर्पियो, एक टोयोटा इनोवा, और एक महिंद्रा जायलो शामिल हैं।

 अब बैंक खातों की होगी जांच
अधिकारी ने बताया संतोष कुमार जायसवाल के खिलाफ बैंक खातों की भी जांच की जा रही है, और पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तलब किया गया है।  बैंक रिकॉर्ड मिलने के बाद संतोष जायसवाल के खिलाफ आय से अधिक मामले का भी केस दर्ज होगा।

कार्यालय की कई फाइलें गायब
संतोष कुमार जायसवाल पर आरोप है कि उसने कमिश्नर कार्यालय में फाइलों में हेराफेरी कर करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित की। पूर्व कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा ने अपर आयुक्त प्रशासन से जांच कराई, जिसमें कमिश्नर कार्यालय की कई फाइलें गायब पाई गईं और कई में हेराफेरी की बात सामने आई। इस मामले में नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया। अब गाड़ियों की डिटेल मिलने के बाद बैंक रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। अब बड़ा सवाल है कि इस भ्रष्टाचार में क्या सफाई कर्मचारी शामिल है या फिर बड़े अधिकारी भी इस खेल में शामिल है।  फिलहाल अब ये जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramkesh

Related News

static