बेटियों को गौरव व सम्मान नहीं मिलेगा तब तक नहीं बदलेंगे हालात: आनंदीबेन

punjabkesari.in Saturday, Oct 12, 2019 - 11:53 AM (IST)

 

आगराः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को कहा कि जब तक बेटियों को गौरव और सम्मान नहीं मिलेगा तब तक हालात नहीं बदलेंगे। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के 85वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करने हुए कहा कि जिन बेटियों को गोल्ड मेडल मिल गया, अब बेटियां पैसे मांगने वालों से शादी की मना करें। अभिभावकों से संकल्प करने को कहा कि वह बेटे और बेटियों को जन्म का, शिक्षा का अधिकार दें, जब तक शिक्षा पूरी नहीं हो तब तक शादी नहीं करें। इस दौरान उन्होंने डॉ. आकांक्षा को सर्वाधिक 11 स्वर्ण पदक प्रदान किए।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि बेटियों की ओर परिवार वाले ध्यान दें और उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि जब तक बेटी सशक्त नहीं होंगी तब तक देश भी सशक्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आज भी कुछ लोग बेटियों पर कम ध्यान देते हैं वह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जब बेटी निरोगी और सशक्त होगी तो भविष्य के बच्चे कुपोषण के शिकार नहीं होंगे। राज्यपाल ने कहा कि आज बालिका दिवस पर तय कीजिये कि 15 दिन तक जितनी बेटियां आंगनबाड़ी ओर प्राइमरी में हैं तो उनका सम्मान करेंगे। उन्हें लक्ष्मी मानकर उनका सम्मान करें। इससे छेड़छाड़ ओर बालिकाओं के प्रति अपराध खत्म होंगे।

आनंदीबेन कहा कि बेटियों को गौरव और सम्मान मिलेगा तब हालात बदलेंगे। उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर पूरी तरह रोक लगनी चाहिए। हालांकि दीक्षांत में ऐसे विषय नहीं बोले जाते हैं लेकिन अब यही सही जगह है। क्योंकि बाल विवाह को खत्म सिर्फ शिक्षा से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि खर्चे की चिंता के कारण कुछ परिवारों में बेटियों का समय से पहले विवाह करते हैं उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह में बच्चों के विवाह करें। पटेल ने कहा कि आज गोल्ड मेडल वाले शादी में गोल्ड की मांग करते हैं। क्या हममें इतनी ताकत नहीं है जो हम किसी से शादी में पैसा मांगते हैं उनसे शादी नहीं करें।

राज्यपाल ने शिक्षकों से कहा कि सभी ऑफिस और स्कूल समय से पहुंचें। बच्चों की अधिकारी सुनें और उनकी समस्याओं का समाधान करें। समय से आधा घण्टा अधिक रुकें। विवि में नियुक्तियों में नियमों का पालन हो ताकि किसी को अदालत न जाना पड़े और इसके लिए आंदोलन ना हो। राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पांच हज़ार प्राइमरी स्कूलों को गोद लिया गया है। जब तक प्राइमरी स्कूल के बच्चे दीक्षांत और दुनिया नहीं देखेंगे तब तक वह यहां पहुंचने का सपना नहीं देख पाएंगे। और ना ही बच्चों की सोच और भविष्य बदलेगा।
 


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Tamanna Bhardwaj

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