छांगुर बाबा का नया खुलासा: नीतू की बेटी का धर्म परिवर्तन, नाती से सगाई; दहेज में मिला 5 करोड़ का शोरूम
punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 02:11 PM (IST)

Balrampur News: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ एक और बड़ा खुलासा हुआ है। यूपी एटीएस की जांच में पता चला है कि छांगुर बाबा ने अपने खास सहयोगी नीतू रोहरा (जिसे नसरीन कहा जाता है), उसके पति नवीन रोहरा (जमालुद्दीन) और उनकी बेटी समाले का धर्मांतरण करवाया था। बेटी का नाम बदलकर सबीहा रखा गया और उसकी सगाई अपने ही नाती से कराई गई, जिसमें दहेज के रूप में 5 करोड़ रुपए का शोरूम दिया गया।
फर्जी इस्लाम स्वीकार करने का प्रमाणपत्र
मिली जानकारी के मुताबिक, जांच के अनुसार नवंबर 2015 में नीतू, नवीन और उनकी बेटी समाले ने दुबई के अल फारूक उमर बिन खताब सेंटर में इस्लाम धर्म स्वीकार किया। दुबई सरकार के इस्लामिक मामले और धर्मार्थ गतिविधियां विभाग (आईएसीएडी) ने इन्हें ‘सर्टिफिकेट ऑफ इंब्रेसिंग इस्लाम’ भी दिया। लेकिन एटीएस की जांच में यह भी पता चला कि उस समय ये लोग भारत में ही थे, जिससे इस प्रमाणपत्र की असलियत पर सवाल उठ रहे हैं। पुलिस इस फर्जी प्रमाणपत्र के पीछे छुपे नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।
सगाई में बड़ी साजिश
सगी बेटी सबीहा की सगाई छांगुर बाबा ने अपने नाती से कराई, जिसमें दहेज में 5 करोड़ रुपए का शोरूम दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा ने रोहरा परिवार की संपत्ति पर नजर रखी थी और इस सगाई के जरिए उनकी संपत्ति हथियाने की साजिश रची थी। रोहरा परिवार के पास पुणे और बलरामपुर में करोड़ों रुपए की संपत्ति थी, जिसमें आलीशान मकान, शोरूम और महंगी गाड़ियां शामिल थीं। छांगुर बाबा ने इस संपत्ति का इस्तेमाल अपने अवैध धर्मांतरण के नेटवर्क को मजबूत करने के लिए किया।
विदेशी फंडिंग का बड़ा जाल
यूपी एटीएस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा और उसके साथी विदेशी फंडिंग के जरिए 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जुटा चुके हैं। नीतू के 8 बैंक खातों में फरवरी से जून 2021 के बीच 13.90 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन मिले, जबकि नवीन के 6 खातों में 34.22 करोड़ रुपए की संदिग्ध रकम पाई गई। इनमें से एक खाते में अकेले 5 करोड़ रुपए की विदेशी फंडिंग मिली।
अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन और जांच जारी
छांगुर बाबा ने अपने अवैध नेटवर्क को कानूनी रूप देने के लिए ‘अस्वी इंटरप्राइजेज’ और ‘आस्वी चैरिटेबल ट्रस्ट’ जैसी संस्थाएं बनाई थीं, जिनके जरिए यह विदेशी फंडिंग हासिल की जाती थी। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि छांगुर बाबा और उसके साथी 40 से ज्यादा बार इस्लामी देशों की यात्रा कर चुके हैं, जो उनके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन को दर्शाता है। यह पूरा मामला छांगुर बाबा के बड़े और जटिल अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट की पोल खोल रहा है, जिसमें विदेशों तक फैले नेटवर्क और बड़ी संपत्तियों का भी इस्तेमाल होता रहा है। यूपी पुलिस और एटीएस इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है ताकि अपराधियों को सख्त सजा दी जा सके।