अतीक का हत्यारा सनी पांच साल पहले अपराध की दुनिया में रखा था कदम, सिर्फ दो साल के अंदर बन गया हिस्ट्रीशीटर
punjabkesari.in Sunday, Apr 16, 2023 - 06:40 PM (IST)

हमीरपुर: प्रयागराज में शनिवार की रात पुलिस अभिरक्षा में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या करने वाले तीन शूटरों में जनपद के थाना कुरारा के वार्ड नं.11 रामलीला मैदान मोहल्ला निवासी हिस्ट्रीशीटर सनी सिंह उर्फ पुराने भी शामिल था। देर रात प्रयागराज से जैसे ही शूटरों में से एक के हमीरपुर के होने की बात सामने आई वैसे ही पुलिस की टीमें सक्रिय हो गई। पुलिस के अनुसार सनी सिंह उर्फ पुराने ने वर्ष 2016 में अपराध जगत में अपने पैर जमाने शुरू किए और सिर्फ दो साल के अंदर ही थाने का हिस्ट्रीशीटर बन गया। इसके खिलाफ चौदह जघन्य अपराध दर्ज हुए है। जिनमें थाना कुरारा में 13 और सदर कोतवाली में एक मामला है। इसकी आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने 2019 में इसकी हिस्ट्रीशीट खोली और इसके विरुद्ध मिनी गुंडा एक्ट, गुंडा एक्ट और गैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई की। इस दौरान सनी की कई बार जेल यात्रा भी हुई। लेकिन बजाए सुधार के सनी अपराध जगत में और भी तेजी से सक्रिय होता चला गया।
शुरुआती इनपुट में जो जानकारी आई थी, उसमें शूटर सनी सिंह निवासी पुराने हमीरपुर था। इसके चलते पुलिस ने मुख्यालय के पुराना बेतवा घाट और पुराना यमुना घाट जैसे घनी बस्तियों के मकानों में देर रात तक सनी के परिवार की खोजबीन करती रही। सुबह होते-होते स्थिति साफ हुई और जैसे ही इस बात की जानकारी हुई कि शूटरों में से एक कुरारा कस्बे के वार्ड नं.11 निवासी सनी सिंह उर्फ पुराने है वैसे ही उसके घर के आसपास पुलिस का पहरा लगा दिया गया।
सूत्रों के अनुसार सनी की जेल में कुख्यात अपराधी सुंदर भाटी से नजदीकी बढ़ी। 2019 तक सनी के खिलाफ थाना कुरारा में एक के बाद एक एफआईआर दर्ज होती रही। इसकी वजह से परिवार से भी इसकी दूरियां बढ़ गई। जेल से छूटने के बाद सनी दिल्ली टू नोएडा आने-जाने लगा है। नोएडा जाने की वजह इसका सुंदर भाटी गैंग के गुर्गों के संपर्क में रहते हुए उनके गैंग के लिए काम करना था।
सनी सिंह उर्फ पुराने के भाई पिंटू ने बताया कि सनी कई सालों से परिवार से अलग हो गया था। उल्टे-सीधे काम करता था। इसलिए उनका उससे कोई संपर्क नहीं था। कुछ दिनों तक वह चाय-पान के होटल में उसका हाथ भी बंटाता रहा है, लेकिन लड़ाई-झगड़े करने के कारण यहां भी ज्यादा नहीं टिका। वह कैसे प्रयागराज पहुंचा उन्हें उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। पड़ोसी भी सनी के बारे में अपनी अलग-अलग राय देते रहे। कुछ के अनुसार सनी करीब सात सालों से यहां नहीं देखा गया था। लेकिन वह अपराधिक प्रवृत्ति का था।