छठ की आस में ‘सफर नहीं, सजा’! 36 घंटे का रास्ता… ट्रेन के टॉयलेट में पूरा परिवार, बोले- गंदगी और बदबू के बीच पहुंचेंगे बिहार, दर्द बयां करती तस्वीर
punjabkesari.in Wednesday, Oct 22, 2025 - 10:21 PM (IST)
UP Desk: छठ पूजा से पहले बिहार लौट रहे लाखों प्रवासी मजदूरों की स्थिति इस बार भी चिंताजनक है। रेलवे की तमाम तैयारियों और विशेष ट्रेनों की घोषणा के बावजूद हालात सुधरते नहीं दिख रहे। अमृतसर से सहरसा जाने वाली एक ट्रेन में बुधवार को जो नज़ारा देखने को मिला, उसने रेलवे व्यवस्था और प्रवासी मज़दूरों की मजबूरी दोनों की तस्वीर सामने रख दी।
टॉयलेट बना सीट, सफर बना त्रासदी
इस ट्रेन में सवार हुए सहरसा जिले के एक परिवार ने बताया कि उन्हें भीड़ के कारण डिब्बे के टॉयलेट में बैठकर 36 घंटे का सफर करना पड़ रहा है। इस 9 सदस्यीय परिवार में छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं। भीड़ इतनी थी कि खड़े होने तक की जगह नहीं मिली। आखिरकार पूरा परिवार शौचालय में बैठने को मजबूर हुआ। परिवार के मुखिया ने कहा, "महीनों पहले टिकट बुक कराने की कोशिश की, लेकिन रिजर्वेशन नहीं मिला। छठ है, जाना ज़रूरी है, इसलिए टॉयलेट में भी जाना मंज़ूर है।" उनकी पत्नी ने रोते हुए कहा, "बच्चे हैं, बुजुर्ग हैं, लेकिन छठी मैया के लिए ये भी झेलना पड़े तो झेलेंगे।"
खिड़कियों और दरवाजों पर लटके लोग
ट्रेन के डिब्बों में तिल भर जगह नहीं थी। कई यात्री खिड़कियों और दरवाजों से लटके हुए थे। टॉयलेट में एक साथ 10-12 लोग बैठे हुए पाए गए — कुछ खड़े, कुछ फर्श पर बैठे, कुछ छतरी या बोरे बिछाकर लेटे हुए। सफर एक त्यौहार की ओर है, लेकिन हालत आपदा से कम नहीं।
‘अगर बिहार में काम होता, तो ये हाल न होता’
यात्रियों ने सिर्फ भीड़ की नहीं, सिस्टम की भी शिकायत की। एक युवक ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा, "अगर बिहार में रोज़गार होता, तो हम पंजाब-हरियाणा में काम क्यों करते? अब छठ पर घर जा रहे हैं तो सीट नहीं मिलती, ट्रेन में लटक कर जाना पड़ता है।"
चुनाव और वोटर लिस्ट की चिंता
इस बार छठ के साथ-साथ बिहार विधानसभा चुनावों की हलचल ने भी यात्रियों की बेचैनी बढ़ाई है। कुछ लोगों को डर है कि अगर वे समय पर गांव नहीं पहुंचे, तो वोटर लिस्ट से नाम कट सकता है। ऐसे में लोग किसी भी हालत में घर लौटने को तैयार हैं।
रेलवे की तैयारी नाकाफी साबित
रेलवे सूत्रों के अनुसार, बिहार जाने वाली अधिकतर ट्रेनों में दो महीने पहले ही रिजर्वेशन फुल हो गया था। कुछ अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा रही हैं, लेकिन भारी भीड़ के सामने ये नाकाफी साबित हो रही हैं।
छठ पर घर वापसी बनी चुनौती
- बिहार जाने वाली ट्रेनों में भीड़ बेकाबू
- परिवार कर रहा है टॉयलेट में सफर
- महिलाओं-बच्चों के लिए कोई सुविधा नहीं
- रोजगार और सिस्टम पर नाराज़गी
- चुनाव और छठ पूजा के कारण दबाव दोगुना

