बेटे की चाहत में हैवानियतः 5 बेटियों के पिता ने लिंग चेक करने के लिए गर्भवती पत्नी का फाड़ा था पेट, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

punjabkesari.in Friday, May 24, 2024 - 08:10 AM (IST)

बदायूं: बेटे की चाहत में एक व्यक्ति ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए अपनी 8 महीने की गर्भवती पत्नी का पेट फाड़ डाला। आरोपी ये चेक करना चाहता था कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़की है या लड़का। व्यक्ति ने इस कृत्य को अपनी पत्नी की सहमति के बिना किया। हसिया से उसका पेट फाड़कर गर्भपात किया। साथ ही जान से मारने की कोशिश की। विशेष न्यायाधीश (त्वरित), महिलाओं के विरुद्ध अपराध के न्यायाधीश सौरभ सक्सेना ने चार साल पुराने इस मामले में आरोपी पति को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। वह पूरी जिंदगी जेल में काटेगा। 

आरोपी पन्ना लाल के थीं 5 बेटियां 
अभियोजन पक्ष के अनुसार गांव घोंचा निवासी गोलू ने 19 सितंबर 2020 को सिविल लाइन कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनकी बहन अनीता की शादी 22 साल पहले शहर के मोहल्ला नेकपुर निवासी पन्ना लाल पुत्र नंद लाल के साथ हुई थी। अनीता ने पांच बेटियों को जन्म दिया था। जिसकी वजह से पन्ना लाल हमेशा नाराज रहता था। बार-बार अनीता को परेशान करता था और धमकाता था। अनीता ने अपने मायका पक्ष को इस बात की जानकारी दी थी। उन्होंने पन्ना लाल को कई बार समझाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना। कहा अगर अनीता लड़कियां पैदा करेगी तो उसे नहीं रखेगा और दूसरी शादी कर लेगा।

आठ महीने की गर्भवती थी अनीता 
अनीता आठ महीने की गर्भवती थी। 22 सितंबर दोपहर लगभग चार बजे पन्ना लाल ने अनीता से कहा कि वह लड़की ही पैदा करती है। उसका पेट फाड़कर देखें कि लड़का है या लड़की। उसने हसिया उठाया और अनीता की ओर बढ़ा। अनिता ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने जान से मारने की नीयत से अनीता का हसिया से पेट फाड़ दिया। घायल महिला को अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने पर उसे बरेली रेफर किया गया। 

विवेचना के दौरान हसिया बरामद
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की। विवेचना के दौरान हसिया बरामद किया। साक्ष्य एकत्र करके महिला की सहमति के बिना उसका गर्भपात करने और जान से मारने की कोशिश के प्रयास में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था। न्यायाधीश ने गुरुवार को उपरोक्त पत्रावली पर साक्ष्यों का अवलोकन कर एडीजीसी मुनेंद्र प्रताप सिंह व बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद दोषी पन्ना लाल को सजा सुनाई है।


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Content Writer

Ajay kumar

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