संगठनात्मक चुनाव, भाजपा नए जिलाध्यक्षों के जरिये साधेगा जातीय समीकरण

punjabkesari.in Monday, Oct 28, 2019 - 02:11 PM (IST)

लखनऊ: भाजपा का संगठनात्मक चुनाव जारी है। भाजपा पहली बार बूथ स्तरीय कमेटियों के गठन के बाद मंडलों की समिति गठित करने में जुटी है। तीसरे चरण में भाजपा की संगठनात्मक 98 जिला इकाइयों के अध्यक्ष निर्वाचित होने हैं। मंडल और जिलाध्यक्षों के चयन में सामाजिक संतुलन बनाने के साथ-साथ भाजपा युवाओं को भी महत्व देगी।

युवाओं और सभी जातियों को मिले अवसर: भाजपा
बता दें कि उपचुनाव समाप्त होने के बाद भाजपा का पूरा फोकस संगठनात्मक चुनाव पर है। दीपावली और भैयादूज के बाद उपचुनाव वाले जिन क्षेत्रों में मंडल अध्यक्षों का चुनाव नहीं हो सका है, वहां चुनाव होंगे। जिसके बाद ही मंडल समितियों की घोषणा की जाएगी। वहीं नवंबर-दिसंबर माह में जिलाध्यक्षों के भी चुनाव होने हैं। इस बार भाजपा ने 98 संगठनात्मक जिले बनाये हैं। वहीं प्रदेश में अब 1918 संगठनात्मक मंडल हैं। भाजपा की रणनीति यही है कि चयन प्रक्रिया में युवाओं और सभी जातियों को अवसर दिया जाए।

1 लाख 63 बूथों में पहली बार चुनाव के जरिए समितियां गठित: स्वतंत्र देव
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने संगठनात्मक कसौटी पर खरा साबित होने वाले युवाओं को आगे लाने की रणनीति बनाई है। प्रदेश के 1 लाख 63 बूथों में पहली बार चुनाव के जरिये समितियां गठित हुई हैं। जिसमें युवाओं को मौका देने के साथ-साथ बूथ क्षेत्र में रहने वाली सभी जातियों को भी प्रतिनिधित्व दिया गया। उपचुनाव की वजह से 6 हजार बूथों पर गठन बाकी रह गया है। इसकी भी प्रक्रिया जलद शुरू होगी। भाजपा ने चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए 31 हजार 655 सेक्टर, मंडल, जिला चुनाव अधिकारी और सह चुनाव अधिकारी लगाये थे। वहीं मंडल और जिलों में तैनात चुनाव अधिकारी अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।


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Ajay kumar

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