हाईवे पर कट की मांग को लेकर BKU का पैदल मार्च: टिकैत ने जयंत पर कसा तंज, कहा- ‘सत्ता में आने पर कोई नहीं लड़ता किसानों की लड़ाई’
punjabkesari.in Friday, Mar 07, 2025 - 06:20 PM (IST)

Shamli News, (पंकज मलिक): उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के द्वारा दिल्ली देहरादून कॉरिडोर हाईवे पर कट को लेकर 6 माह से चल रहे आंदोलन में आज भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत व गौरव टिकैत के साथ हजारों की संख्या में किसानों ने भज्जू कट से लेकर शामली कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला। राकेश टिकैत ने जयंत चौधरी का नाम न लेते हुए कहा की सत्ता में आने के बाद कोई भी किसानों की लड़ाई नहीं लड़ता। उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्र में गन्ना मूल्य न बढ़ाए जाने से कोई भी गन्ना किसान सरकार से खुश नहीं है, सरकार ने किसानों के साथ अन्याय किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस हाईवे पर किसानों की कट की मांग जायज है और जब तक किसानों को दिल्ली देहरादून इकोनामी हाईवे पर कट नहीं मिलेगा तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
किसानों को जबरन जुल्म व ज्यादती करके हटा सकती है सरकार
दरअसल, जनपद शामली के दिल्ली देहरादून कॉरिडोर पर भज्जू गांव के पास एक कट की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत के बैनर तले किसान लगभग 6 माह से धरना दे रहे हैं। उनकी मांग ना पूरी होने पर आज भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत व गौरव टिकैत ने किसानों के साथ भाजू कट से और शामली कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च निकाला है। राकेश टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों की यह हाईवे पर कट की मांग जायज है, क्योंकि जिस जगह इकोनामी हाईवे पर कट मांग रहे हैं वहां से जनपद शामली और मुजफ्फरनगर के 50 गांव जुड़े हुए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसान किसी भी सूरत में वहां से धरना खत्म नहीं करेगा, जब तक उनकी मांग को नहीं माना जाए। सरकार या प्रशासन चाहे तो धरने पर बैठे किसानों को जबरन जुल्म व ज्यादती करके हटा सकती है।
किसानों की भूमिका अधिग्रहण और बिजली अमेंडमेंट बिल इस देश का बड़ा मुद्दा
इस दौरान उन्होंने जयंत चौधरी का नाम न लेकर उन पर तंज कसा और कहा कि जब नेता सत्ता में होते हैं तो, किसानों के हितों की लड़ाई नहीं लड़ते और जब विपक्ष में होते हैं तो बड़े-बड़े आंदोलन करते हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की भूमिका अधिग्रहण और बिजली अमेंडमेंट बिल इस देश का बड़ा मुद्दा है। किसानों के घरों में स्मार्ट मीटर लगेंगे, बिजली निजी क्षेत्र में जाएगी और भारी भरकम बिल किसानों को उसकी एवरेज में अदा करने होंगे। जो किसान बिल जमा नहीं करेगा, उसकी जमीन नीलाम कर दी जाएगी। आगरा व नोएडा में बिजली निजी क्षेत्र में चल रही है कोई टोरंटो कंपनी है, किसानों पर लाखों लाखों रुपए बकाया हो चुका है उसका हाल देख लो किसानो की जमीन जाएगी अब तो आंदोलन बस किसानों की जमीन बचाने के लिए ही किया जाएगा कि किसान की जमीन कैसे बचाई जाए। वहीं सरकार ने भी किसानों के लिए कुछ कर्ज माफी की है लेकिन, बैंक के अधिकारी प्रचार प्रसार नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि जिस किसान का खाता वर्ष 2020 से पहले एनपीए हो गया है उसका मूलधन का मंत्र 25% ही जमा करना है, बाकी ब्याज भी पूरा माफ सरकार कर रही है। जागरूक होकर बैंकों में जाए और इस स्कीम का पता लगाए। वहीं किसानों के धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ आंदोलनकारी युवकों के बीच तीखी झड़प भी देखने को मिली जिसे गौरव टिकैत द्वारा बीच बचाव कर शांत कराया गया।