CM योगी के शहर में एक और मस्जिद पर चलेगा बुलडोजर, 15 दिन में खुद तोड़ने का निर्देश

punjabkesari.in Saturday, Feb 22, 2025 - 02:58 PM (IST)

गोरखपुर ( पंकज) : उत्तर प्रदेश में प्रशासन की नजर इन दिनों अवैध मस्जिदों पर टिकी हुई है, कुशीनगर में मदनी मस्जिद पर बुलडोजर चल गया तो वहीं, मेरठ में 85 साल पुरानी जहांगीर खां मस्जिद को शुक्रवार रात को पुलिस-प्रशासन की मौजूदगी में एनसीआरटीसी द्वारा हटा दिया गया। अब गोरखपुर में भी एक मस्जिद को जीडीए ने 15 दिन में खुद तोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया है। 
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दरअसल, गोरखपुर के घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम की 47 डिसमिल भूमि पर अवैध कब्जा किया गया था। बीते 7 माह पहले नगर निगम टीम ने बोलडोजर के माध्यम से इस पूरे अवैध कब्जे को खाली कराया था। अब यह जल्द ही मल्टीलेबल काम्प्लेक्स बनाया जाएगा। लेकिन इसी जमीन के 520 स्क्वायर फीट में तीन मंजिला मस्जिद का निर्माण हुआ है। आपको बता दें की बिना स्वीकृत मानचित्र यहा तीन मंजिला मस्जिद का निर्माण हुआ है। जिसको गिराने के लिए जीडीए द्वारा एक नोटिस जारी किया था। 15 फरवरी को मस्जिद के दिवंगत मुतवल्ली के बेटे शुऐब अहमद को नोटिस देकर 15 दिन में खुद ही निर्माण हटाने को कहा गया था और कहा गया था कि अगर ये खुद से निर्माण को नहीं हटाएंगे तो जीडीए खुद इसे ध्वस्त कराएगा और इसका खर्च इसके निर्माणकर्ता से वसूलेगा।
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गोरखपुर की घोष कंपनी चौराहे के पास नगर निगम की 47 डिसमिल जमीन पर पिछले 50 वर्षों से कब्जा था जिसको नगर निगम ने 25 फरवरी 2024 को एक अभियान चला कर वहां स्थित 31 दुकानों और 12 आवासीय परिसर को हटाया था। इस दौरान वहां पर मौजूद मस्जिद को भी नगर निगम द्वारा गिराए जाने लगा जिस पर मस्जिद के मुतवल्ली और कई लोगों ने इसका विरोध किया। इसके बाद नगर निगम ने मस्जिद निर्माण के लिए 60 वर्ग मीटर भूमि दक्षिण पूर्वी कोने पर देने की समिति जताई थी। जिसके बाद नगर निगम बोर्ड ने इसे मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू हो गया था।
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15 दिन में खुद तोड़ने करने का निर्देश 
जीडीए के अनुसार बिना स्वीकृत मानचित्र के घोष कंपनी चौराहे के पास मस्जिद का निर्माण आवे तरीके से किया गया है। सूत्रों की माने तो निर्माण के दौरान ही जीने ने जब मानचित्र दिखाने को कहा था तो निर्माण करता इसे प्रस्तुत नहीं कर सके। जिसके बाद तीन बार नोटिस भी जारी कर सनी का मौका दिया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला इसके बाद डा प्रशासन ने 15 दिन में खुद दोस्त करने का निर्देश दिया था। वही मस्जिद के मुतवल्ली ने जीडीए के आदेश के खिलाफ कमिश्नर कोर्ट में अपील की है। फिलहाल अभी इस मुद्दे पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं है।
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'सवा सौ साल पुरानी एक मस्जिद थी जिसे नगर निगम ने तोड़ दिया'
 वहीं दूसरी तरफ मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल हमिद कासमी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हमारी सौ –सवा सौ साल पुरानी एक मस्जिद थी जिसे नगर निगम ने तोड़ दिया था. उसके बाद हम लोग नगर निगम और जिलाधिकारी कार्यालय गए. इसके बाद हम लोगों को एक किनारे साइड में जमीन दिया गया था जिसका नक्शा बनवाने के लिए हम लोग ऑफिस गए थे तब वहां बोला गया की 1000 स्क्वायर फीट के ऊपर नक्शा पास होता है. और उन लोगों ने कहा कि आप लोग अपना निर्माण कर ले हम लोगों को कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने बताया कि जब यह मस्जिद बनकर तैयार हो गया और मस्जिद के बड़े अब सा महीने हो चुके हैं उसके बाद जीडीए ने नोटिस भेजा है और उसमें लिखा है कि यह आप लोग का जो निर्माण है वह गलत है इसका नक्शा नहीं पास है.इसको लेकर जीडीए ने 15 दिन का समय दिया है मस्जिद को खुद ध्वस्त कर ले नहीं तो 15 दिन के बाद जीडीए खुद इसे ध्वस्त कर देगी और उसका खर्चा भी जिम्मेदार से वहन करेगी।

उनका कहना है कि इससे पहले हमारी मस्जिद 1200 स्क्वायर फीट में थी और वहां से कम जग में हम लोग यहां शिफ्ट हुए हैं इस मस्जिद को बनाने में पूरे शहर का पैसा इसमें लगा है और एक छोटी सी बात के लिए जीडीए इसे तोड़ने की बात कर रहा है. उन्होंने बताया कि हम लोग इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का गए हैं और जजों से भी मुलाकात की है। अब देखना यह है कि 25 तारीख को क्या नतीजा आता है। 


 


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Imran

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