83 बीघा जमीन पर फर्जी कब्जाः कोर्ट के निर्देश पर 47 वर्ष बाद 8 लोगों पर दर्ज हुआ मुकदमा

punjabkesari.in Monday, Apr 17, 2023 - 05:59 PM (IST)

बहराइच: कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में स्थित 83 बीघा जमीन पर कुछ लोगों ने फर्जी कागजात बनवा कर उस पर अपना मालिकाना हक जारी करवा लिया था। जिसका मामला कोर्ट में चल रहा था। वन विभाग, डीएफओ, डीएम और प्रदेश सरकार के संयुक्त पैरवी के बाद कोर्ट ने 47 वर्ष बाद सभी लोगों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश पर लखनऊ के सेठी बंधु समेत रामपुर दिल्ली और बहराइच के 8 लोगों के विरुद्ध वन अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

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जमीन को हड़पने के लिए 70 वर्षों से किए जा रहे प्रयास
प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आकाशदीप बधावन ने बताया कि कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बहराइच में वन विभाग की जमीन को हड़पने के लिए 70 वर्षों से किए जा रहे प्रयास को विफल कर वन विभाग द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

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कुल जमीन लगभग 83 बीघा
उल्लेखनीय है कि यह जमीन भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20 एवं वन जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 18 व 38वी से आच्छादित बाघ संरक्षित क्षेत्र का कोर क्रिटिकल टाइगर हैबिटेट है। भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 20 के तहत 342 एकड़ जमीन नोटिफाइड है जिसमें बहुमूल्य राजकीय संपत्ति के रूप में लगे सालों पुराने वृक्षों जिसकी कीमत 200 करोड़ बताई जा रही है। कुल जमीन लगभग 83 बीघा है। विक्रेताओं द्वारा जाली और फर्जी एवं कूट रचित तरीके से बहुमूल्य संपत्ति सरकारी कागजों में हेराफेरी कर हासिल की गई थी।

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उच्च न्यायालय में योजित याचिका में प्रभागीय द्वारा प्रभावी पैरवी
डीएफओ ने बताया कि उच्च न्यायालय में योजित याचिका में प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट द्वारा प्रभावी पैरवी की जाती रही। जिसकी वजह से जिलाधिकारी बहराइच की अध्यक्षता में गठित टीम की रिपोर्ट 12 मई 2022 द्वारा जांच की गई तो आराजी गाटा संख्या 18 और 34 इत्यादि रकबा 16.530 एकड़ अर्थात् 6.691 हेक्टेयर वन विभाग के संरक्षण में पाया गया जो वनभूमि है तथा विपक्षी का नाम फर्जी प्रविष्टि के आधार पर अभिलेखों में दर्ज किया जाना पाया गया।


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Content Writer

Ajay kumar

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