जाति आधारित रैलियों पर रोक: FIR में भी नहीं लिखी जाएगी कास्ट, चुनाव से पहले योगी सरकार का बड़ा फैसला

punjabkesari.in Monday, Sep 22, 2025 - 12:33 PM (IST)

लखनऊ: यूपी में योगी सरकार ने भेदभाव को कम करने के लिए के अहम निर्णय लेने जा रही है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हालही में आदेश जारी किया था कि  राज्य के मुख्य सचिव ने सार्वजनिक जगहों, कानूनी दस्तावेजों और पुलिस रिकॉर्ड्स में जाति का उल्लेख किए जाने पर रोक लगाई जाएगी।

हाईकोर्ट के द्वारा आदेश जारी करने के बाद से अनुपालन में कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में नए निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत अब प्रदेश में जाति आधारित रैलियों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। पुलिस की ओर से दर्ज की जाने वाली FIR, गिरफ्तारी मेमो और अन्य दस्तावेजों में आरोपियों की जाति का उल्लेख नहीं किया जाएगा।

पर माता-पिता के नाम लिखे जाएंगे
इसके स्थान पर माता-पिता के नाम लिखे जाएंगे। थानों के नोटिस बोर्ड, वाहनों और साइनबोर्ड पर लगे जातीय संकेत और नारे भी हटाए जाएंगे। आदेश के पालन के लिए पुलिस नियमावली और एसओपी में संशोधन भी किया जाएगा। सोशल मीडिया पर भी जाति आधारित कंटेंट पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। हालांकि एससी-एसटी एक्ट जैसे विशेष मामलों में जाति का उल्लेख जारी रहेगा।

पंचायत चुनावों की तैयारियों के साथ आदेश लागू
आपको बता दें कि इन आदेशों को उस वक्त लागू किया जाएगा जब राज्य में पंचायत चुनावों की तैयारियां चल रही हैं। साथ ही सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने आगामी विधानसभा चुनाव की भी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।

जातिगत पार्टियों की राजनीति करने वाले नेताओं को झटका
खास तौर पर समाजवादी व बहुजन समाज पार्टी जैसे दलों के लिए यह बड़ा झटका भी साबित हो सकता है। सपा लोकसभा चुनाव के पहले से ही विधानसभा चुनाव को लक्ष्य पर लेकर पीडीए (पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक) की राजनीति की नींव मजबूत कर रही है।


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Imran

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