''मुसलमानों को कमजोर करना चाहती है BJP'', वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़े विधेयक पर बोले चंद्रशेखर आजाद
punjabkesari.in Monday, Aug 05, 2024 - 12:44 PM (IST)
Waqf Board Amendment Bill: संसद में बजट सत्र चल रहा है, इस दौरान बताया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड संशोधन बिल समेत कई अहम विधेयक पटल पर रखे जाएंगे. विपक्ष और सत्तारूढ़ दलों के बीच बीते एक सप्ताह तक चली तीखी बहस चल रही थी। इसी बीच नगीना से सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की इस विधेयक पर को लेकर कहा है कि BJP मुसलमानों को कमजोर करना चाहती है।
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने 'मीडिया में आई खबरों के अनुसार कि केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर नियंत्रण के लिए विधेयक ला सकती है', पर कहा, "केंद्र, उत्तर प्रदेश और भाजपा की तमाम राज्य सरकारें मुसलमानों की कितनी हितैषी हैं यह किसी से छिपा नहीं है. मैं अच्छी तरह जानता हूं कि आपका मकसद इन वर्गों को कमजोर करना है, ताकतवार करना नहीं।"
विधायी एजेंडे में अपडेट नहीं
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार, वक्फ अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव भी संसद में पेश कर सकती है, जिससे वक्फ बोर्ड के संपत्ति नामित करने के अधिकार को सीमित किया जा सकता है। इन बदलावों में संपत्ति के दावों के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल होगा।
नया बिल कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है
गौरतलब है कि वक्फ कानून में बदलाव के लिए एक नया बिल कैबिनेट ने मंजूर कर लिया है, और यह बिल अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है। जिसमें वक्फ अधिनियम में कई संशोधनों की मांग की जाएगी, जिससे किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति कहने की उसकी 'अनियंत्रित' शक्तियों में कटौती हो सकती है, और महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, इस विधेयक में वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधन प्रस्तावित किए जाने की संभावना है। पूरे देश में वक्फ बोर्ड के पास बहुत सी संपत्तियां हैं, और यह माना जाता है कि सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक संपत्ति है।
बिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी
सूत्रों ने यह भी बताया कि इस विधेयक को शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, विधेयक में अधिनियम की कुछ धाराओं को निरस्त करने का प्रस्ताव है, जिसका मुख्य उद्देश्य वर्तमान में वक्फ बोर्डों के पास मौजूद मनमानी शक्तियों को कम करना है। वक्फ बोर्ड द्वारा किए गए दावों से अक्सर विवाद पैदा होते हैं। उदाहरण के लिए, सितंबर 2022 में, तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने पूरे थिरुचेंदुरई गांव पर स्वामित्व का दावा किया, जहां सदियों से बहुसंख्यक हिंदू आबादी रहती थी।
बोर्ड की निरंकुशता को खत्म करना चाहता है केंद्र
इस कानून के ज़रिए केंद्र बोर्ड की निरंकुशता को खत्म करना चाहता है। बिल की कुछ मुख्य बातों में ज़्यादा पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल है; महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए वक्फ बोर्ड की संरचना और कार्यप्रणाली में बदलाव करने के लिए धारा 9 और धारा 14 में संशोधन; विवादों को सुलझाने के लिए वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्तियों का नए सिरे से सत्यापन किया जाएगा; वक्फ संपत्तियों की निगरानी में मजिस्ट्रेट को शामिल किया जा सकता है।
वक्फ बोर्ड के अधीन लगभग 8.7 लाख संपत्तियां
सूत्रों के अनुसार, मौजूदा कानूनों को बदलने की मांग मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया व बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों की ओर से आई है। देश भर में वक्फ बोर्ड के अधीन लगभग 8.7 लाख संपत्तियां हैं और इन संपत्तियों के अंतर्गत कुल भूमि लगभग 9.4 लाख एकड़ है।
कब लागू हुआ था वक्फ अधिनियम?
वक्फ अधिनियम 1995 में लागू किया गया था और यह वाकिफ द्वारा दान की गई और वक्फ के रूप में अधिसूचित संपत्तियों को नियंत्रित करता है - वह व्यक्ति जो मुस्लिम कानून द्वारा पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त उद्देश्यों के लिए संपत्ति समर्पित करता है। यूपीए-2 के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वक्फ अधिनियम के तहत अतिरिक्त शक्तियां दे दीं, जिससे बोर्ड के कब्जे से जमीन वापस पाना लगभग असंभव हो गया। यही वे संशोधन हैं जो तब से विवाद का विषय बने हुए हैं। बोर्ड की मनमानी से निपटने के लिए केंद्र सरकार आगामी सप्ताह में संसद में विधेयक पेश करने की योजना बना रही है।