जिंदगी की जंग हार गईं लोक गायिका शारदा सिन्हा, CM योगी ने जताया दुख, कहा- 'संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति'
punjabkesari.in Wednesday, Nov 06, 2024 - 08:20 AM (IST)
Lucknow News: (अश्वनी कुमार सिंह) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार प्रख्यात लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि उनका निधन संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। राज्य के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और कांग्रेस पार्टी ने भी सिन्हा के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स)-दिल्ली में इलाज करा रहीं सिन्हा का मंगलवार रात निधन हो गया। वह 72 वर्ष की थीं।
प्रख्यात लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद व संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 5, 2024
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!
उन्होंने अपने उत्कृष्ट पारंपरिक गायन के माध्यम से मैथिली, भोजपुरी सहित अनेक लोक भाषाओं और लोक संस्कृति की सेवा की तथा राष्ट्रीय पटल पर…
आदित्यनाथ ने ‘एक्स' पर लिखा कि प्रख्यात लोक गायिका, पद्म भूषण डॉ. शारदा सिन्हा जी का निधन अत्यंत दुःखद व संपूर्ण संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!”
लोकप्रिय भोजपुरी गायिका, बिहार कोकिला, पदम भूषण से सम्मानित आदरणीया शारदा सिन्हा जी के असामयिक निधन की सूचना अत्यंत दुःखद है।
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) November 5, 2024
छठी मैया और भक्ति के गानों के माध्यम से भोजपुरी की मिठास को देश- दुनिया में पहुंचाने के लिए, शारदा जी को हमेशा याद किया जाएगा। उनका निधन भोजपुरी जगत और… pic.twitter.com/TqhEw0Qtoy
मौर्य ने अपने ‘एक्स' पर लिखा कि लोकप्रिय भोजपुरी गायिका, बिहार कोकिला, पद्म भूषण से सम्मानित आदरणीय शारदा सिन्हा जी के असामयिक निधन की सूचना अत्यंत दुःखद है।”
शारदा सिन्हा जी लोकसंगीत की वह सशक्त हस्ताक्षर हैं, जिनके बगैर भोजपुरी-मैथिली लोककला और लोकसंस्कृति पूरी नहीं हो सकती।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) November 5, 2024
उनके जाने से कला-संस्कृति के जगत में जो खालीपन आया है, उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता।
शारदा जी अपने गीतों के जरिये संगीत प्रेमियों के बीच हमेशा मौजूद रहेंगी।… pic.twitter.com/V3FN3fhehS
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के आधिकारिक ‘एक्स' खाते पर एक पोस्ट में कहा गया कि शारदा सिन्हा जी लोकसंगीत की वह सशक्त हस्ताक्षर हैं, जिनके बगैर भोजपुरी-मैथिली लोककला और लोकसंस्कृति पूरी नहीं हो सकती। उनके जाने से कला-संस्कृति के जगत में जो खालीपन आया है, उसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता।