भगवान राम के आदर्श हजारों वर्षों बाद भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने त्रेता युग में थे: CM योगी

punjabkesari.in Wednesday, Apr 17, 2024 - 03:47 PM (IST)

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्श हजारों वर्षों बाद आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने त्रेता युग में थे। श्रीराम धर्म के साक्षात प्रतीक हैं। मर्यादा के आदर्श हैं। परमात्मा स्वरूप परमपुरुष हैं। हर क्षेत्र में उनके द्वारा स्थापित आदर्श हम सभी को पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्रीय कर्तव्यों के निर्वहन की प्रेरणा देते हैं।
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गोरखनाथ मंदिर में बुधवार को कन्या पूजन के बाद प्रदेशवासियों को वासंतिक नवरात्र व श्रीरामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वासंतिक नवरात्र में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी की तिथि तक आदिशक्ति मां भगवती के अलग अलग स्वरूपों का अनुष्ठान आज नवदुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पूजन के साथ संपन्न हुआ है। नवरात्र प्रकृति और परमात्मा से जुड़ाव की अछ्वुत परंपरा है। उन्होंने आदिशक्ति मां भगवती से चराचर जगत के कल्याण की कामना की।
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CM योगी ने कहा कि वासंतिक नवरात्र की महत्वपूर्ण नवमी तिथि समाज को मर्यादा के मार्ग पर ले जाने वाले व मानवीय जीवन मूल्यों का उच्च आदर्श प्रस्तुत करने वाले प्रभु श्रीराम के जन्मदिन की भी तिथि होती है। हजारों वर्षों पूर्व अयोध्या के महाराजा दशरथ के पुत्र के रूप में सृष्टि के पालक भगवान विष्णु ने धर्म, सत्य और न्याय की स्थापना के लिए अवतार लिया था। आज भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव देश दुनिया में सनातन धर्मावलंबियों द्वारा हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में इस बार श्री रामनवमी बेहद उमंग और आस्था के साथ मनाई जा रही है। 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद श्रीरामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं और इसका अलग ही उल्लास आज वहां के श्रीराम जन्मोत्सव में देखने को मिल रहा है।
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उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के आदर्शों का अनुसरण कर हम सभी समाज और देश के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन करें, यही भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक होगा। कन्या पूजन अनुष्ठान और श्रीराम जन्मोत्सव मनाने के पूर्व बुधवार सुबह मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में विधि विधान से मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की आराधना की। पूजा अर्चना के बाद उन्होंने वासंतिक नवरात्र की नवमी तिथि का हवन अनुष्ठान किया। 


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Content Editor

Harman Kaur

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